बायो-पाइरेसी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
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बायोपाइरेसी के अंतर्गत किसी एक देश के जैविक संसाधनों (जैसे पेड़ पौधों ,जंगली वनस्पतियों ) का किसी दूसरे देश के व्यक्ति या संस्था द्वारा उस देश की सहमति या अनुमति के बिना उपयोग लेना जैव -पाइरेसी या बायो-पाइरेसी कहलाता है।
विकासशील देश जीव संसाधन व उससे संबंधित परंपरागत ज्ञान में विकसित देशों से अधिक समृद्ध है ऐसी स्थिति में औद्योगिक रूप से विकसित देश आधुनिक तकनीक अपनाकर विकासशील देशों के जीव संसाधनों का दोहन करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके चलते विकासशील देश आर्थिक रूप से शोषण का शिकार हो रहे हैं।
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बायो-पाइरेसी।
Explanation:
- जब जैविक संसाधनों का किसी संगठन या संस्था के द्वारा उस संसाधन का निर्माण करनेवाले राष्ट्र या संबंधित व्यक्ति के अनुमति के बिना कोई प्रतिपूरक भुगतान दिए बिना प्रयोग किया जाता है, तब उसे बायो-पाइरेसी कहा जाता है।
- बायो-पाइरेसी का उदाहरण:
- भारत में नीम का उपयोग प्राचीन समय से किया गया है। भारतीयों ने पूरे विश्व के लोगों के साथ नीम की जानकारी को सांझा है।
- परंतु, वर्ष १९९४ में अमरेकी कृषि विभाग तथा डब्ल्यूआर ग्रेस एंड कंपनी नामक अमरेकी कंपनी ने पौधों में कवक जनित संक्रमणों का नियंत्रण करने के लिए अलग अलग तरीकों से नीम से बनाई गई रचना पर यूरोपीय पेटंट प्राप्त किया।
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