बियर और लैम्बर्ट नियम की व्याख्या कीजिए ?
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बीयर-लैंबर्ट कानून कहता है कि एकाग्रता और समाधान के अवशोषण के बीच एक रैखिक संबंध है, जो किसी समाधान की एकाग्रता को उसके अवशोषण को मापकर गणना करने में सक्षम बनाता है
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बियर और लैम्बर्ट नियम की व्याख्या :
- बियर और लैम्बर्ट नियम के अनुसार जब किसी एकवर्णी प्रकाश को किसी अवशोषक पदार्थ के विलयन से होकर गुजारा जाए तब इस अवशोषक विलयन में विकिरणों की तीव्रता में हुई कमी , आपतित विकिरणों की तीव्रता के साथ विलयन की सांद्रता के समान अनुपात में होती है।
- प्रकाश के क्षीणन को बीयर-लैम्बर्ट नियम या सामग्री के गुणों से संबंधित करता है जिसके माध्यम से प्रकाश गमन करता है।
- किसी दी गई सामग्री के लिए पथ की लंबाई तथा नमूने की सांद्रता प्रकाश के अवशोषण के समान अनुपात में होती है।
- बियर और लैम्बर्ट नियम की सीमाएं : पतले घोल का उपयोग किया जाता है।
- प्रकाश का प्रक्रीरण नहीं होना चाहिए।
- मोनोक्रोमेंटिक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का उपयोग किया जाना चाहिए।
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