Hindi, asked by robincarventus2Robin, 1 year ago

baat athaani ki kahani ke rasila ka patra parichay bataye


Aarohimehta: hlo
Aarohimehta: can i snd u in pix

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Answered by Sudhalatwal
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रसीला इंजीनियर बाबू जगत सिंह के यहीं सालों से नौकर को  काम करता है । उसकी तनख्वाह दस रूपये प्रति माह थी । गाँव में उसका परिवार था और उसका खर्चा बहुत मुश्किल से पूरा होता है इसलिए वह अपने मालिक से तनख्वाह बढ़ाने कि बात करता है परन्तु वे साफ-साफ मन कर देते हैं और कहते हैं कि यदि तुम्हे कोई इससे ज़्यादा दे तो तुम जा सकते हो । रसीला सोचता है कि नौकरों को सब संदेह की नज़र से देखते हैं और अगर वह कहीं और गया तो उसे न जाने कैसा मालिक मिले, यहाँ पर कम से कम उस पर कोई शक तो नहीं करता । वह अपने मालिक की रिश्वत लेने की बात जानता है  वह अपने दोस्त रमजान से, जो कि पडोसी मजिस्ट्रेट के यहाँ चोकीदार है, उसके मालिके  की भी रिश्वत लेने की बात करता है और दोनों इस नतीजे पर पहुँचते हैं कि वे दोनों इतनी रिश्वत लेने के बाद भी सभ्य बने रहते हैं और उन दोनों को गुजारा चलना भी मुश्किल होता है । रसीला के घर से पत्र आता है कि उसके बच्चे बीमार हैं और कुछ पैसे मांगे थे परन्तु रसीला के पास भेजने के लिए कुछ भी नहीं होता। वह बहुत उदास होता है और रमजान उससे उसकी उदासी को कारण पूछता है.।
एक बार जगत सिंह रसीला को पांच रूपये दे कर मिठाई मंगाते हैं तो रसीला सादे चार रूपये कि मिठाई खरीद कर अठन्नी अपने पास रख लेता है । उसकी चोरी पकड़ी जाती है और मजिस्ट्रेट उसे छह मास के कारगर कि सजा सुनाते हैं.। रसीला के माध्यम से कहानीकार स्पष्ट करना चाहता है कि सफेदपोश लोग कुछ भी गलत काम करें तो भी उन्हें कोई दोष नहीं देता और उन्हें सभ्य समझा जाता है । इसके विपरीत गरीब को छोटा सा अपराध भी उन्हें एक चोर साबित करके सजा सहने पर मजबूर कर देता है ।
Answered by vipenmittal30
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uprwala is best

Explanation:

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