Babu chaitanya das ki charitra Charan?
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बाबु चैतन्यदास चरित्र चित्रण
प्रेमचंद द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी पुत्र-प्रेम एक पिता की हृदयहीनता और संवेदनहीनता का अत्यंत मार्मिक चित्रांकन करता है।
1. चैतन्यदास पुत्र-प्रेम कहानी के प्रमुख पात्र थे। वे अर्थशास्त्र के ज्ञाता और उसका अपने जीवन में व्यवहार करने वाले थे। वे वकील थे, दो-तीन गाँवों में उनकी जमींदारी थी।
2. बाबू चैतन्यदास जी को अपनी हृदयहीनता, आत्मशून्यता और इस भौतिक दुनिया के धन-दौलत एवं ऐश्वर्य अत्यंत भयंकर जान पड़ते है ।
3. पुत्र की तुलना में अपने धन को ज्यादा महत्त्व देते थे।
उनका स्पष्ट मानना था कि यदि खर्च करने के बाद स्वयं का या 4. किसी दूसरे का उपकार नहीं होता है तो वह खर्च व्यर्थ है और उसे नहीं करना चाहिए।
5. बाबू चैतन्यदास जी ने अर्थशास्त्र को अपने जीवन का आधार बना लिया था।
6. अपने शोक संतप्त हृदय की शांति के लिए वे प्रभुदास की अंत्येष्टि पर हजारों रुपए खर्च करते है और यह उनका प्रायश्चित भी था एवं अपने दुखी मन को शांत करने का उपाय भी।
Explanation:
प्रेमचंद द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी पुत्र-प्रेम एक पिता की हृदयहीनता और संवेदनहीनता का अत्यंत मार्मिक चित्रांकन करता है।
1. चैतन्यदास पुत्र-प्रेम कहानी के प्रमुख पात्र थे। वे अर्थशास्त्र के ज्ञाता और उसका अपने जीवन में व्यवहार करने वाले थे। वे वकील थे, दो-तीन गाँवों में उनकी जमींदारी थी।
2. बाबू चैतन्यदास जी को अपनी हृदयहीनता, आत्मशून्यता और इस भौतिक दुनिया के धन-दौलत एवं ऐश्वर्य अत्यंत भयंकर जान पड़ते है ।
3. पुत्र की तुलना में अपने धन को ज्यादा महत्त्व देते थे।
उनका स्पष्ट मानना था कि यदि खर्च करने के बाद स्वयं का या 4. किसी दूसरे का उपकार नहीं होता है तो वह खर्च व्यर्थ है और उसे नहीं करना चाहिए।
5. बाबू चैतन्यदास जी ने अर्थशास्त्र को अपने जीवन का आधार बना लिया था।
6. अपने शोक संतप्त हृदय की शांति के लिए वे प्रभुदास की अंत्येष्टि पर हजारों रुपए खर्च करते है और यह उनका प्रायश्चित भी था एवं अपने दुखी मन को शांत करने का उपाय भी।