Hindi, asked by nishajaswal65, 1 year ago

bacche kam per Ja Rahe Hain Kavita ke Aadhar per bataiye ki Bal shram kiski asafalta hai​

Answers

Answered by Akshara6c
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Answer:

प्रश्न 1. बच्चों को किस प्रकार की सुख-सुविधाएँ मिलनी चाहिए? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ पाठ केआलोक में लिखिए।

उत्तरः शिक्षा, खेलने के लिए आँगन एवं बगीचे।

किताबें, खिलौने।

व्याख्यात्मक हल:

बच्चों को काम पर भेजे जाने के स्थान पर पढ़ने-लिखने का पूरा मौका मिलना चाहिए, ताकि वे शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को संवार सकें। उन्हें खेलने-कूदने का उचित अवसर मिलना चाहिए ताकि वे तन-मन से स्वस्थ बन सकें। उन्हें अपने माता-पिता, सगे-सम्बन्धियों और पास-पड़ोस से पूरा प्रेम मिलना चाहिए। ऐसा होने से ही उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास हो सकेगा।

प्रश्न 2. आप की समझ में कवि की बच्चों के काम पर जाने की चिंता कितनी उपयुक्त है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता के आधार पर लिखिए।

अथवा

बच्चों का काम पर जाना कवि को एक बड़ा हादसा क्यों लगता है ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1017]

उत्तरः बिलकुल उपयुक्त है।

देश का भविष्य उज्जवल केसे होगा, जहाँ बच्चे शिक्षा ग्रहण करने की आयु में काम करेंगे।

व्याख्यात्मक हल:

बच्चों को काम पर भेजना उनके साथ घोर अन्याय है। बचपन भविष्य की नींव होती है। इस पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। जिस समाज में बच्चों के विकास को वुळचला जाता है वह समाज अन्यायी तथा अविकसित है तथा पिछड़ेपन का जीता-जागता उदाहरण है। जो किसी बड़े हादसे के ही समान है।

प्रश्न 3. कवि गेंदों के समाप्त होने का प्रश्न उठाकर क्या कहना चाहता है? ”बच्चे काम पर जा रहे हैं“ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तरः बच्चों को खेल से वंचित करना।

व्याख्यात्मक हल:

बाल-मजदूरों की अभी खेलने की उम्र है, उन्हें काम-काज में नहीं डालना चाहिएऋ कवि समाज को इससे परिचित कराना चाहता है। बच्चों का बचपन लौटाया जाना चाहिए।

प्रश्न 4. ”बाल-श्रम असफलता सरकार की है या हमारी“ ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ पाठ के आधार पर तर्वळ सहित विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तरः सरकारी योजनाएँ पूर्ण रूप से उचित एवं सुचारू।

प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य, समाज के कदमों में कमी।

व्याख्यात्मक हल:

यह असफलता हमारी और सरकार दोनों की है। हालांकि सरकारी योजनाएँ पूर्ण रूप से उचित एवं सुचारू है। परंतु उन्हें सही ढंग से लागू ही नहीं किया जाता। बच्चों को बाल श्रमिक बनने के लिए हम ही मजबूर करते हैं। हमारी विपरीत आर्थिक परिस्थितियाँ और बच्चों के प्रति हमारी और समाज की असंवेदनशीलता तथा लापरवाही उनसे उनका बचपन छीन कर उन्हें बाल-श्रमिक बना देती है।

प्रश्न 5. ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में कवि ने अपनी किस पीड़ा को चिंता के रूप में व्यक्त किया है ?

उत्तरः इस कविता में कवि ने अपने मन की पीड़ा के साथ चिंता भी प्रकट की है। यह स्थिति भयानक है कि छोटे बच्चे जिन्हें पढ़ने-लिखने के लिए विद्यालय जाना चाहिए उनका बचपन समाप्त हो गया है और वे रोजी-रोटी के लिए काम पर जा रहे हैं। कवि का भाव है कि सरकार और समाज के लोग इस भयानक स्थिति को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं।

प्रश्न 6. किस प्रकार का आकर्षण इन बच्चों को शिक्षा की ओर खींच सकता है ? आस-पास के परिवेश के अनुरूप बताइए।

[C.B.S.E. 2014 Term II, 1Y6T3YO) & VE7X3IC]

उत्तरः काम पर जाने वाले इन बच्चों को स्कूल की शिक्षा अपनी ओर तभी खींच सकती है जब स्कूल में उन्हें अच्छा भोजन मिले, उत्तम पुस्तकों की व्यवस्था हो, ड्रेस बनावाकर दी जाए तथा शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त हो।

प्रश्न 7. आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1054]

उत्तरः हमने अपने शहर में बच्चों को दुकानों में सामान देते-बेचते देखा है। घर-बाहर की सफाई करते देखा है। कूड़ा बीनते और बोझा ढोते देखा है। उन्हें घरों में नौकर के रूप में देखा है। ढाबों पर खाना पकाते-परोसते, बर्तन साफ करते देखा है।

प्रश्न 8. आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए ? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1056]

उत्तरः मेरे विचार में बच्चों को काम पर नहीं भेजा जाना चाहिए, उन्हें पढ़ने-लिखने का पूरा मौका मिलना चाहिए ताकि वे शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को संवार सकें। उन्हें खेलने-कूदने का उचित अवसर मिलना चाहिए ताकि वे तन-मन से स्वस्थ बन सकें। उन्हें अपने-माता-पिता, सगे-सम्बन्धियों और आस-पड़ोस से पूरा प्रेम मिलना चाहिए। ऐसा होने से ही उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास हो सकेगा।

प्रश्न 9. बच्चे काम पर किस समय जाते हुए दिखाई देते हैं ? क्या कवि की पीड़ा यही है कि वे उस समय काम पर जा रहे हैं या कुछ और भी ? लिखिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1019]

उत्तरः कोहरे से ढकी सड़क पर एकदम भोर के समय बच्चे काम पर जा रहे हैं, यह देखकर कवि चिंतित एवं व्यग्र है। उसकी चिन्ता उनके अच्छे पालन-पोषण, शिक्षण तथा शारीरिक-मानसिक विकास की भी है जिस हेतु वह सरकार एवं समाज को सचेत करता है।

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