bachcho ke bhawaishya ka nirnay karne me maa baap ka kitna yogdan hona chahiye
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actually maa baap ne to humlog ke future k liye apna future barbad kar diya or ek baat maa aur baap ko utna hi pyaar do jitna ki unhone tumhe pachpan se abhi tak dete aa rahe hai.....
parents give life and also they are our lives.....
thnxxx....hope u understand.....
parents give life and also they are our lives.....
thnxxx....hope u understand.....
inshanoorain786:
I WANT AN APPROPARIATE ANSWER IN HINDI NOT LIKE THIS , BUT YET IT'S OK
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बालाघाट. बालकल्याण समिति बालाघाट की नियमित बैठक जिला कार्यालय में आयोजित की गई है। जिसमें बच्चों से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसर बैठक के दौरान 15 से 18 वर्ष की बालिकाओं के साथ होने वाले शोषण, अपहरण, दैहिक शोषण, अशिक्षा, अंधविश्वास, बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति के कारण बुराई सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई। समिति ने निर्णय लिया है कि जागरूकता कार्यक्रम चलाकर इस सामाजिक बुराई को दूर किया जा सकता है। वहीं लामता थाना अंतर्गत प्राप्त 15 वर्षीय युवती को उसके भविष्य को देखते हुए समझाईश के बाद उसके माता-पिता के सुपूर्द किया गया। बैठक में बाल कल्याण न्यायालय समिति द्वारा बच्चों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसमें गंभीर बीमारी एचआईवी से पीडि़त तीन बच्चों की माता द्वारा प्राप्त आवेदन पर विचार कर उन्हें उपचार के लिए बालगृह चिकित्सा केन्द्र उज्जैन (मप्र) भेजने का निर्णय लिया गया। होली के दिन ग्राम कटेरा (कटंगी) में मृत महिला के दो नाबालिग बच्चों के संदर्भ में छ: माह की बच्ची को शिशु गृह व छ: वर्ष की बालिका को उसके नाना-नानी को सौंपकर पारिवारिक पुर्नवास के आदेश पारित किए गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसर बैठक के दौरान 15 से 18 वर्ष की बालिकाओं के साथ होने वाले शोषण, अपहरण, दैहिक शोषण, अशिक्षा, अंधविश्वास, बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति के कारण बुराई सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई। समिति ने निर्णय लिया है कि जागरूकता कार्यक्रम चलाकर इस सामाजिक बुराई को दूर किया जा सकता है। वहीं लामता थाना अंतर्गत प्राप्त 15 वर्षीय युवती को उसके भविष्य को देखते हुए समझाईश के बाद उसके माता-पिता के सुपूर्द किया गया। बैठक में बाल कल्याण न्यायालय समिति द्वारा बच्चों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसमें गंभीर बीमारी एचआईवी से पीडि़त तीन बच्चों की माता द्वारा प्राप्त आवेदन पर विचार कर उन्हें उपचार के लिए बालगृह चिकित्सा केन्द्र उज्जैन (मप्र) भेजने का निर्णय लिया गया। होली के दिन ग्राम कटेरा (कटंगी) में मृत महिला के दो नाबालिग बच्चों के संदर्भ में छ: माह की बच्ची को शिशु गृह व छ: वर्ष की बालिका को उसके नाना-नानी को सौंपकर पारिवारिक पुर्नवास के आदेश पारित किए गए।
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