Hindi, asked by gopi1906, 10 months ago

"bache Desh Ke bhavishy he" par anusched leke.

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Answered by TanyaTheBrainliest
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Answer:

4 वर्ष से कम आयु के मजदूरी या उद्योगों में काम करने वाले बालक आते हैं. खेलने कूदने और पढ़ने की उम्रः में मेहनत मजदूरी की चक्की में पीसता देश का बचपन समाज की सोच पर एक कलंक हैं. ढाबों, कारखानों और घरों में अत्यंत दयनीय स्थतियों में काम करने वाले ये बाल श्रमिक देश की तथाकथित प्रगति के गाल पर एक तमाचा है, इनकी संख्या लाखों में हैं.

बाल श्रमिक की दिनचर्या– इन बाल श्रमिकों की दिनचर्या पूरी तरह से इनके मालिकों या नियोजकों पर निर्भर हैं. गर्मी हो, वर्षा या शीत इनको सवेरे जल्दी उठकर काम पर जाना होता हैं, इनकों भोजन साथ ले जाना पड़ता हैं या फिर मालिकों की दया पर निर्भर रहना पड़ता हैं. इनके काम में घंटे नियत नही होते हैं बारह से चौदह घंटे तक भी काम करना पड़ता हैं. कुछ तो चौबीस घंटे के बधुआ मजदूर होते हैं. बिमारी या अन्य किसी कारण से अनुपस्थित रहने पर इनसे कठोर व्यवहार यहाँ तक की निर्मम पिटाई भी होती हैं.

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