Hindi, asked by themanishsingh56, 9 months ago

Badal Pani poem summary

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Answered by deeksha277057
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Answer:

बरस गया बादल का पानी!

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,तरल-तरल कर गई हृदय को,

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,तरल-तरल कर गई हृदय को,निष्ठुर मौसम की मनमानी।

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,तरल-तरल कर गई हृदय को,निष्ठुर मौसम की मनमानी।बरस गया बादल का पानी!

बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,तरल-तरल कर गई हृदय को,निष्ठुर मौसम की मनमानी।बरस गया बादल का पानी!धुली आस कोमल अंतर की,

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बरस गया बादल का पानी!बिजली चमकी दूर गगन में,कंपन होते प्राण भवन में,तरल-तरल कर गई हृदय को,निष्ठुर मौसम की मनमानी।बरस गया बादल का पानी!धुली आस कोमल अंतर की,बही संपदा जीवन भर की,फिर भी लेती रहीं लहरियाँहमसे निधियों की कुरबानी।

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Answered by madeducators3
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Badal Pani poem summary

Explanation:

बादल आए, बादल आए,

कितना सारा पानी लाए।

बादल, भूरे काले है

खूब बरसानेवाले है।

सहरो और पहाड़ो पर,

सरे जंगल झाडो पर।

छमक - छमक बरसाते होंगी,

हरियाली  से बता होगी।

लकिन हमें बताओ तो,

थोड़ा  यह समझाओ तो।

बादल आते कैसे है,

पानी लाते कैसे है ?

सूरज की गरमी से पानी,

तालाबों और झीलों का,

उड़ जाते है बनकर भाप,

सारी गीली चीज़ो का।  

ऊपर उठाकर ये ही भाप,  

ठंडी होती जाती है।  

छोटे - छोटे धूल - कणो पर,

धीरे - धीरे जम जाती है।  

उड़ाते - उड़ाते बूंदों के कण ,

आपस में मिल जाते है।  

खूब घने और काले  - काले,

ये बादल बन जाते है।  

ठंडे - ठंडे जब ये बदल,

अपस में थकरते है।  

फिर से अपने रूप बदलते, और पानी  बरसाते है।

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