Hindi, asked by alka4271, 10 months ago

Badalne ki chamta buddhimatta ki map hai par nibandh in 500 words

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Answered by bhatiamona
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Answer:

बदलने और बदलाव लेने की क्षमता ही बुद्धिमत्ता का माप है| हमें अपनी पुरानी सोच को बदलने में ही बुद्धिमत्ता है | जब हम अपनी पुरानी सोच बदलेंगे तभी हम नया सिख पाएंगे | देश आगे बढ़ पाएगा आगे प्रगति होगी | जिन बातों और सोच में बदलने और अच्छा सीखने को न मिले तो हमें वह सोच खत्म कर देनी चाहिए |  

आज भी समाज में बहुत सारी पुरानी बाते है जो लोग मानते है , जैसे लडकियों को स्कूल नहीं जाने देना , उनकी जल्दी शादी करवा देना| भेद-भाव रखना , जाती-वाद , दहेज प्रथा यह सब हमें खत्म करने की जरूरत है | इसी पुरानी सोच के कारण हम पीछे है , अगर हम यह सोच बदल देंगे और नया सोच बनाएंगे सब जगह प्रगति होगी |  

बदलाव जीवन का खुबसुरत अनुभव है । हमें अपने जीवन में बदलाव से सीखना चाहिए|  

जीवन वस्तुतः परिवर्तनशील ही है और यह परिवर्तन या बदलाव बदलाव मनुष्य के विकास में साधक बनकर समय-समय पर चुनौती के रुप में आते हैं | जिस तरह मनुष्य अपने जीवन में एक बच्चे से बड़े होता है और धीरे-धीरे अलग-अलग अवस्था में परिवर्तित होता रहता है | बदलाव या परिवर्तन दुनिया का कानून है | यह भी सच्च है कि विभिन्न अवस्थाओं में मनुष्य की अलग-अलग रुचियाँ होती है, पर जो आज वर्तमान है कल अतीत बन जाता है | समय के साथ सब बदल जाता है और हम भी बदल जाते है |  

समय के साथ बदलाव अपनाना ही सही निर्णय है | अच्छे काम के लिए बदलना बुरी बात नहीं है | अच्छा बदलाव हमें हमेशा अच्छे रास्ते के और लेकर जाता है | जो लोग समय साथ बदलने की सोच रखते है वह हमेशा जीवन खुशी से व्यतीत करते है और सफलता पाते है | इसीलिए हर मनुष्य को बदलाव के पीछे की अच्छाई देखनी चाहिए और बदलना चाहिए |  

हमें अपनी पुरानी सोच को बदलने में ही बुद्धिमत्ता है | जब हम अपनी पुरानी सोच बदलेंगे तभी हम नया सिख पाएंगे | देश आगे बढ़ पाएगा आगे प्रगति होगी | जिन बातों और सोच में बदलने और अच्छा सीखने को न मिले तो हमें वह सोच खत्म कर देनी चाहिए | हमेशा जीवन में आगे की और ही बढ़ना चाहिए | समय के साथ अच्छे काम के लिए बदलना बहुत जरूरी है और यही एक समझदारी है |  

समय के साथ बुत सारी चीज़ें बदल रही है, और बहुत सारे ने नए आविष्कार हो रहे है| इसलिए सफल होने के लिए हमें भी समय के साथ बदलना चाहिए और नए-नए चीज़ें और बातों को समझना चाहिए | बुद्धिमत्ता यह है कि कोई भी अध्ययन, समझ और सीखने के द्वारा सुधार कर सकता है।  

जब तक हम समय के साथ नहीं बदलेंगे और पुराने समय , पुरानी सोच में जीते है , पुरानी चीज़ें इस्तेमाल करते रहेंगे तो हम नया कभी भी नहीं सिख पाएंगे , हम हमेशा पीछे ही रह जाएंगे , इसलिए नया सीखने के लिए , सफलता पाने के लिए हमें हमेशा बदलना चाहिए |

Answered by Anonymous
7

Hello Students ✌️

बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है।

बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है यह कथन शत प्रतिशत सत्य है।

क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। यह संसार परिवर्तन से ही चलती है परिवर्तन होते होते ही मानव का जन्म हुआ है। परिवर्तन से ही यह ब्रह्मांड बनी है। आरंभ में पृथ्वी जलते हुए गोले की तरह थी किंतु इसमें धीरे-धीरे परिवर्तन होते गया और और इसमें इतना परिवर्तन हुआ कि अब इस पर जीवन संभव है और इतने सारे जीवित पशु पक्षी प्राणी यहां जीवन यापन कर रहे हैं यहां मौजूद हैं।

इसलिए यह कहना बहुत मुख्य बात है कि बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है।

हमें पुराने रीति रिवाज पुराने रूढ़िवादी बातों रूढ़िवादी चीजों और सारी ऐसी क्रियाकलाप जो कि मानव जाति को प्रभावित करती है और इसका परिणाम बुरा होता है हमें वह सब बदलना चाहिए।

समय के साथ बहुत सारी चीजें बदल रही है इसलिए हमें भी बदलना चाहिए। इतने सारे आविष्कार हो रहे हैं। हमारी बुद्धिमत्ता मत आया है कि अध्ययन, ज्ञान और बुद्धि और ज्ञानी लोगों की सलाह से हम सारे चीज में परिवर्तन कर सकते।

हमें पुरानी पद्धति छोड़नी चाहिए और एक विकासशील समाज बनाना चाहिए।

अगर एक गांव पुराना है तो उसे बदलकर एक आधुनिक गांव बनाया जा सकता है। इसमें परिवर्तन करने से उसमे साक्षरता आएगी और सारे लोग शिक्षित होंगे । वहां बहुत सारी उद्योग खुलेंगे और लोग जागरूक होंगे। जिसके कारण उनकी जीविका में बढ़ोतरी होगी और वह नए-नए चीज जानने को अग्रसर होंगे जिनसे उनमें साक्षरता बढ़ेगी।

हमें अपनी देश में बहुत परिवर्तन करना चाहिए क्योंकि अभी भी बहुत राज्यों में पुरानी चीजों की मान्यता है । अपनी जगह पर है किंतु परिवर्तन से हम उसे एक आधुनिक राज्य बना सकते हैं और आधुनिक राज्य बनने से सारे लोग साक्षर बनेंगे ।

उनमें शिक्षा पद्धति की उन्नति होगी । और अपने बच्चों को शिक्षा देने में वह पीछे नहीं हटेंगे। जिसके कारण हमारा देश ऊंचा होगा।

एक कुमार मिट्टी को बदलना आरंभ करता है । वह उसे पहले मलता है । उसे सानता है । फिर उसे इतनी मुलायम बनाता है। उसके पश्चात उसे चरखे पर रखकर। उसे एक आकार देता है और यह परिवर्तन के कारण से ही संभव हुआ है।

मिट्टी में परिवर्तन होते होते विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात एक मिट्टी घड़े का आकार लेती है। यह परिवर्तन के कारण ही मुमकिन है।

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