Hindi, asked by manjudevi31980, 11 months ago

Badalo ki garzana ka aahvan kavi kyo karna chahta hai ? Utsah kavita ke aadhar par bataiye.

Answers

Answered by vinay7860
172

इस कविता में कवि ने बादल के बारे में लिखा है। कवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। उन्हीं बादलों से कवि कहता है कि वे पूरे आसमान को घेर कर घोर ढ़ंग से गर्जना करें। बादल के हृदय में किसी कवि की तरह असीम ऊर्जा भरी हुई है। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।

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vinay7680

Answered by dcharan1150
37

बादलों की गरजने का आवाहन कवि क्यों कर रहें हैं ?

Explanation:

जब काले तथा घन-घौर बादल आसमान में छा जाती हैं; तो प्रतीत होता है की, जैसे बादलों ने आसमान के साथ कोई बगावत ही कर डाला हैं | उन काले-घने बादलों से निकलने वाली ठंडी-ठंडी फिजा यहाँ कवि को बादल के गरजने की याद दिला रही हैं |

जैसे वर्षा से पहले बादल एक छोटे से शिशु की भांति पृथ्वी के साथ विलाप कर रहा है की, वह अभी उस पर जल्द ही बरशने वाला हैं | यहाँ पर कवि ने बादल की गर्जन को किसी बालक की रोने व बिलकने के साथ तुलना किया हैं | जैसे एक बालक किसी चीज़ से ना खुश हो कर दूसरों को अपनी बात मनवाने के लिए उन पर गरजता है, उसी तरह बादल भी पृथ्वी पर जलधारा के भांति घिरने के लिए गरज कर अपनी बात मनवा रहा होता हैं |

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