Bade bhai sahab chote bhai ko kya samjhana chahte the?
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Bade bhai sahab chote bhai ko kya samjhana chahte the?
बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या समझाना चाहते थे?
उत्तर —
बड़े भाई साहब छोटे भाई को ये समझाना चाहते कि उसे सदैव परिश्रम से पढ़ाई करनी चाहिये और अहंकार बिल्कुल भी नही करना चाहिये। अगर वो (छोटा भाई) कक्षा में अव्वल आ गया है तो इसका मतलब ये नही कि हमेशा अव्वल ही आयेगा। अतः उसे अपने अव्वल आने पर अहंकार नही करना चाहिये बल्कि निरंतर परिश्रम करते रहना चाहिये।
बड़े भाई साहब ने रावण का उदाहरण देते हुये लेखक को कहा तुमने इतिहास में तो पढ़ा ही होगा कि रावण का क्या का हाल था, तुमने शायद उससे कोई सबक नहीं लिया। रावण तो इतना बड़ा पराक्रमी राजा था। लेकिन उसको घमंड हो गया और उसका अहंकार नहीं टिक पाया। अंत में अपने अहंकार के कारण उसका सर्वनाश ही हुआ। अंग्रेजों का भी आजकल बहुत बड़ा राज्य है पर उन्हें भी तुम चक्रवर्ती नहीं कह सकते। शैतान का हाल भी तुमने पढ़ा ही होगा उसे भी गुमान हो गया कि ईश्वर का उससे बड़ा भक्त कोई नहीं है और आखिर में उसे स्वर्ग से नरक में जाना पड़ा। शाहेरूम को भी अहंकार था लेकिन अंत में वो भीख मांग मांग कर मर गया। तुमने तो केवल अब एक कक्षा ही पास की है और तुम्हें इतना अहंकार हो गया है। यह जान लो जब बड़े-बड़ों का इनकार नहीं टिक सका तो तुम्हारा है वो भी नहीं टिकेगा। इसके लिए अहंकार करना छोड़ दो। अभी तुम अपनी मेहनत से पास नहीं हुए हो बस तुम संयोग से पास हो गए हो। संयोग बार-बार नहीं होता।