Bade bhai sahab ka swabhav kaisa tha
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बड़े भाई साहब का स्वभाव धीर-गंभीर प्रवृत्ति का था। वह स्वभाव से थोड़े क्रोधी भी थे और छोटे भाई को हमेशा पढ़ाई के प्रति लापरवाही करने के लिए डांटते रहते थे। वह अपने छोटे भाई को पढ़ाई के प्रति लापरवाही से होने वाली हानियों के बारे में बताते रहते थे। हालांकि उन्हें दुनियादारी की अच्छी समझ थी और वह छोटे भाई को दुनियादारी की बातें बताते रहते थे। वह छोटे भाई के सामने स्वयं को जिम्मेदारी समझने वाला व्यक्ति पेश करते थे और अपने बड़प्पन का प्रदर्शन भी करते थे। यद्यपि वह हमेशा किताबों में खोए रहते थे लेकिन वह अक्सर फेल भी हो जाया करते थे।
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Answer:
बड़े भाई - स्वभाव से बड़े अध्यनशील थे। दिन-रात किताबें खोलकर बैठे रहते। ना पढ़ने वाले छोटे भाई को डाँटा करते और ना पढ़ने से होने वाली हानियों के बारे में भी बताते। इन सब बातों से पता चलता है की वो थोड़े क्रोधी स्वभाव के थे | अनुभवी होने के साथ साथ उन्हें दुनियादारी की भी अच्छी समझ थी | अत्यधिक पढ़ने के बावजूद कक्षा में फेल कर जाते थे।
Explanation:
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