Hindi, asked by ashokkuwal, 1 year ago

bade bhai sahab ki swabhawagat visheshtaye

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Answered by adashinobenio88
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बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ निम्न थी –
• बड़े भाई साहब परिश्रमी विद्यार्थी थे। एक ही कक्षा में तीन बार फेल हो जाने के बाद भी पढाई से उन्होंने अपना नाता नहीं तोड़ा।
• वे गंभीर तथा संयमी किस्म का व्यक्तित्व रखते थे अर्थात् हर समय अपने छोटे भाई के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए खेल-कूद से दूर और अध्ययनशील बने रहते थे।
• बड़े भाई साहब कुशल वक्ता थे वे छोटे भाई को अनेकों उदाहारणों द्वारा जीवन जीने की समझ दिया करते थे।
• बड़ों के लिए उनके मन में बड़ा सम्मान था पैसों की फिजूलखर्ची को उचित नहीं समझते थे। छोटे भाई को अकसर वे माता-पिता के पैसों को पढ़ाई के अलावा खेल-कूद में गँवाने पर डाँट लगाते थे।
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Answered by bhatiamona
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बड़े भाई साहब की स्वभावगत विशेषतायें :

  • बड़े भाई साहब अनुशासन प्रिय थे। वह अपने छोटे भाई को भी तरह-तरह के आदर्श उदाहरण देकर अनुशासन अपनाने के लिए सलाह देते रहते थे।
  • बड़े भाई साहब का स्वभाव भी गंभीर और सयंमी प्रवृत्ति का था।
  • बड़े बड़े भाई साहब यूं तो परिश्रमी थे, लेकिन अपनी कक्षा में तीन बार बाद फेल हो गए थे। फिर भी उन्होंने पढ़ाई से नाता नहीं तोड़ा।
  • बड़े भाई साहब बोलने में बड़े कुशल थे और वह अपने छोटे भाई को तरह-तरह के उदाहरण देकर अक्सर उपदेश देते रहते थे ताकि उन का छोटा भाई अपने रास्ते से नहीं भटके और पढ़ाई पर ध्यान दें।
  • बड़े भाई साहब के लिए अपने से बड़ों के प्रति सम्मान का भाव था।
  • बड़े भाई साहब फिजूलखर्ची पसंद नहीं थी। जब उन का छोटा भाई किसी तरह की फिजूलखर्ची करता अथवा पढ़ाई से ध्यान हटाकर खेलकूद में अपना ध्यान लगाता तो वह उसे डांटते रहते थे।
  • बड़े भाई साहब अपने छोटे भाई से 5 साल में उम्र में बड़े थे। इसीलिए वे अपने को ज्यादा अनुभवी समझ कर अपने अनुभव का ज्ञान अपने छोटे भाई को देते रहते थे।
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