bade ghar ki beti kahani ke adhar par bade ghar ki beti aisi hoti hai | kathan ko sapasth kre
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Answer: इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने बड़े परिवारों के मनोविज्ञान को दर्शाया है । बेनी माधव गौरीपुर गांव के जमींदार है । उनके दो पुत्र हैं श्रीकंठ और लाल बिहारी । उनके बड़े पुत्र की पत्नी है आनंदी । आनंदी बड़े घर की बेटी थी । साधन संपन्न परिवार से वह एक साधारण देहाती गृहस्थ में आ गई थी । उसने नई अवस्था के अनुकूल अपने आप को ढाल भी दिया था ।
एक दिन उसकी अपने देवर लाल बिहारी से घी को लेकर अनबन हो जाती हैं । बात बढ़ जाती है परिणाम स्वरूप लाल बिहारी खड़ाऊ से आनंदी की ओर प्रहार करता है । आनंदी क्रोध के मारे रोकर अपने पति से सारा मामला बताती है । आनंदी की बातें सुनकर श्रीकंठ को क्रोध आ जाता है और वह अपने पिता से घर से पृथक होने की बात कहते है तथा अपने छोटे भाई लाल बिहारी का मुंह न देखने की अपनी मंशा जाहिर करते है।
लाल बिहारी अपने बड़े भाई का बहुत आदर करता था। जब यह बात सुनता है तो वह रोने लग जाता है और अपनी भाभी से माफी मांग कर कहता है कि "मैं अब यहां नहीं रहूंगा क्योंकि भैया मेरा मुंह नहीं देखना चाहते। "यह सब देख कर आनंदी दयावती तो थी ही ; द्रविभूत हो जाती है और लालबिहारी को क्षमा कर देती है और घर से निकल रहे लालबिहारी को हाथ पकड़ कर रोक लेती हैं । अंततः श्रीकंठ भी अपने भाई से गले मिल जाते हैं । इस तरह दोनों भाइयों का मेल देखकर बेनी माधव कहते हैं "बड़े घर की बेटियां ऐसी ही होती है ।"