Bade Hote bachcha kis Prakar Mata Pita Ke sahyogi ho sakte hain aur kis Prakar Bhar
Answers
Answered by
6
इस कहानी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अगर बच्चे खुद से माता-पिता का घरेलू कार्यों में हाथ बटाएं तो वे उनके सहयोगी बन सकते हैं। बच्चों को घर में बैठकर खाने की बजाए संभव कार्यों में माता-पिता का हाथ बंटाना चाहिए। बड़े होते बच्चे अगर घर के कामों से नजर चुराने लगें तो वे आगे चलकर कामचोरों की श्रेणी में आ जाते हैं और मां-बाप, परिवार और समाज पर पूरी जिंदगी बोझ बने रहते हैं। ‘कामचोर’ कहानी में भी बच्चे हिलकर खुद से पानी तक नहीं पीते थे। उन्हें हर काम के लिए नौकरों की जरूरत थी। बच्चों में इतना आलस्य भर चुका था कि वे घर क कामों से जी चुराने लगे थे। नतीजा यह हुआ है कि वे एक जगह बैठे-बैठे खा-खाकर मोटे होने लगे थे। बच्चों को मेहनतकश इंसान बनने के लिए शुरू से ही छोटे-मोटे काम करने की आदत डालनी चाहिए।
Similar questions