Hindi, asked by anu585, 1 year ago

badhta Pradushan par nibandh 100 to 150 words

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Answered by bhatiamona
136

                               बढ़ता हुआ प्रदूषण पर निबंध

आज के समय में तो प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है, साँस लेना भी मुश्किल हो गया है| मनुष्य ने अपने लाभ पर उन्नति के लिए प्रकृति को दाव पर लगा दिया है | प्रदूषण जल , वायु , भूमि, मृदा के भौतिक रासायनिक और जैविक लक्षणों से निकलने वाले हानिकारक कण होते जो प्रकृति , वातावरण को दूषित करते है और इसी कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण आदि होते है|

    प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है | प्रदूषण मनुष्य से लेकर जानवरों और पक्षियों सब के  लिए हानिकारक है | प्रदूषण के कारण पर्यावरण में धुंध, धुआं, विविक्त, ठोस पदार्थों के कारण  लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी हो जाती हैं।

    बढ़ते प्रदूषण के कारण यह पक्षी साँस नहीं ले पाते जिसके कारण इनकी जाती विलुप्त होती जा रही है | मनुष्य के कारण पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति बढ़ती ही जा रही है , और लोग अपने लाभ के लिए पर्यावरण के साथ गलत कर रहे है | आए दिन पेड़ो को काट रहे है और प्रदूषण फैला रहे है | पानी का दुरुपयोग कर रहे है जगह-जगह कूड़ा फेंक देते है |

 प्राकृतिक प्रदूषण भी जैसे पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसों आदि वायु प्रदूषण के स्त्रोत है। प्रदूषण से  बीमारियों के बढ़ने के कारण मनुष्य की मृत्यु दर में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है। प्रदूषित हवा जिसमें हम प्रत्येक क्षण सांस लेते हैं फेंफड़ों के विकारों और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर की भी कारक है, इस प्रकार यह स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित करती है।

     प्रदूषण के लिए हम मानव ही जिम्मेदार है |अपने लाभ के लिए हम यह प्रदूषण फैला रहे है | आज सब के पास गाड़ियाँ उसका धुआं खतरनाक होता है | पटाखों के कारण | हमें इसको रोकना होगा , तभी हम  ताज़ी हवा ले सकते है और जीवित रह पाएंगे |

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प्रदूषण पर निबंध - Pradushan par nibandha - Essay on Pollution

Answered by mehrageeta515
6

Answer:

बढ़ता हुआ प्रदूषण पर निबंध

आज के समय में तो प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है, साँस लेना भी मुश्किल हो गया है| मनुष्य ने अपने लाभ पर उन्नति के लिए प्रकृति को दाव पर लगा दिया है | प्रदूषण जल , वायु , भूमि, मृदा के भौतिक रासायनिक और जैविक लक्षणों से निकलने वाले हानिकारक कण होते जो प्रकृति , वातावरण को दूषित करते है और इसी कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण आदि होते है|

   प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है | प्रदूषण मनुष्य से लेकर जानवरों और पक्षियों सब के  लिए हानिकारक है | प्रदूषण के कारण पर्यावरण में धुंध, धुआं, विविक्त, ठोस पदार्थों के कारण  लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी हो जाती हैं।

   बढ़ते प्रदूषण के कारण यह पक्षी साँस नहीं ले पाते जिसके कारण इनकी जाती विलुप्त होती जा रही है | मनुष्य के कारण पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति बढ़ती ही जा रही है , और लोग अपने लाभ के लिए पर्यावरण के साथ गलत कर रहे है | आए दिन पेड़ो को काट रहे है और प्रदूषण फैला रहे है | पानी का दुरुपयोग कर रहे है जगह-जगह कूड़ा फेंक देते है |

प्राकृतिक प्रदूषण भी जैसे पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसों आदि वायु प्रदूषण के स्त्रोत है। प्रदूषण से  बीमारियों के बढ़ने के कारण मनुष्य की मृत्यु दर में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है। प्रदूषित हवा जिसमें हम प्रत्येक क्षण सांस लेते हैं फेंफड़ों के विकारों और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर की भी कारक है, इस प्रकार यह स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित करती है।

    प्रदूषण के लिए हम मानव ही जिम्मेदार है |अपने लाभ के लिए हम यह प्रदूषण फैला रहे है | आज सब के पास गाड़ियाँ उसका धुआं खतरनाक होता है | पटाखों के कारण | हमें इसको रोकना होगा , तभी हम  ताज़ी हवा ले सकते है और जीवित रह पाएंगे |

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