Hindi, asked by shikha01972, 10 months ago

badhti berojgari essay in hindi​

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बेरोजगारी की बढ़ती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है । हमारे देश में बेरोजगारी के अनेक कारण हैं । अशिक्षित बेरोजगार के साथ शिक्षित बेरोजगारों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है । देश के 90% किसान अपूर्ण या अर्द्ध बेरोजगार हैं जिनके लिए वर्ष भर कार्य नहीं होता है । वे केवल फसलों के समय ही व्यस्त रहते हैं ।

शेष समय में उनके करने के लिए खास कार्य नहीं होता है । यदि हम बेरोजगारी के कारणों का अवलोकन करें तो हम पाएँगे कि इसका सबसे बड़ा कारण देश की निरंतर बढ़ती जनसंख्या है । हमारे संसाधनों की तुलना में जनसंख्या वृद्‌धि की गति कहीं अधिक है जिसके फलस्वरूप देश का संतुलन बिगड़ता जा रहा है ।

इसका दूसरा प्रमुख कारण हमारी शिक्षा-व्यवस्था है । वर्षो से हमारी शिक्षा पद्‌धति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है । हमारी वर्तमान शिक्षा पद्‌धति का आधार प्रायोगिक नहीं है । यही कारण है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् भी हमें नौकरी नहीं मिल पाती है ।

बेरोजगारी का तीसरा प्रमुख कारण हमारे लघु उद्‌योगों का नष्ट होना अथवा उनकी महत्ता का कम होना है । इसके फलस्वरूप देश के लाखों लोग अपने पैतृक व्यवसाय से विमुख होकर रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं ।

आज आवश्यकता इस बात की है कि बेरोजगारी के मूलभूत कारणों की खोज के पश्चात् इसके निदान हेतु कुछ सार्थक उपाय किए जाएँ । इसके लिए सर्वप्रथम हमें अपने छात्र-छात्राओं तथा युवक-युवतियों की मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा ।

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Answered by Anonymous
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सोने की चिड़िया कहलाने वाली हमारे भारत की दशा आज कुछ ऐसे हो गयी है की आजादी के इतने सालों बाद भी हमारा देश हर दिन किसी न किसी समस्याओं से लड़ता रहता है. आज भारत के सामने जो समस्याएँ फन फैलाए खड़ी हैं, उनमे से एक महत्वपूर्ण समस्या है- बेरोजगारी. लोगों के पास हाथ है, पर काम नहीं; प्रसिक्षण है, पर नौकरी नहीं; योजनाएँ और उत्साह है, पर अवसर नहीं है. बेरोजगारी समाज के लिए एक अभिशाप है. इससे न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि बेरोजगारी पुरे समाज को भी प्रभावित करती है.

बेरोजगारी के कारण

बेरोजगारी के कारणबेरोजगारी की बढती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है. हमारे देश के बेरोजगारी के अनेक कारण हैं.

बेरोजगारी के कारणबेरोजगारी की बढती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है. हमारे देश के बेरोजगारी के अनेक कारण हैं.1. बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है- बढती हुई जनसंख्या. भारत में जनसंख्या का विस्फोट जितना जबरदस्त है, कामों के अवसरों में विकास उतना तीव्र नहीं है. हर वर्ष बढती हुई जनसंख्या बेरोजगारों की कतार को और अधिक लम्बा कर जाती है. जनसंख्या में वृद्धि के अनुपात की वजह से रोजगारों की कमी और अवसर में बहुत कम वृद्धि हो रही है इसी वजह से बेरोजगारी बढती जा रही है.

बेरोजगारी के कारणबेरोजगारी की बढती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है. हमारे देश के बेरोजगारी के अनेक कारण हैं.1. बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है- बढती हुई जनसंख्या. भारत में जनसंख्या का विस्फोट जितना जबरदस्त है, कामों के अवसरों में विकास उतना तीव्र नहीं है. हर वर्ष बढती हुई जनसंख्या बेरोजगारों की कतार को और अधिक लम्बा कर जाती है. जनसंख्या में वृद्धि के अनुपात की वजह से रोजगारों की कमी और अवसर में बहुत कम वृद्धि हो रही है इसी वजह से बेरोजगारी बढती जा रही है.2. यंत्रीकरण अथवा मशीनीकरण ने भी असंख्य लोगों के हाथ से रोजगार छिनकर उन्हें बेरोजगार कर दिया है, क्यूंकि एक मशीन कई श्रमिकों का काम निपटा देती है. फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं. गाँधी जी कहा करते थे- ‘हमारे देश को अधिक उत्पादन नहीं, अधिक हाथों द्वारा उत्पादन चाहिए.’ उन्होंने बड़ी-बड़ी मशीनों की जगह लघु उद्योगों को प्रोत्साहन दिया. उनका प्रतिक था- चरखा. परन्तु अधिकांश जन आधुनिकता की चकाचौंध में उस सच्चाई के मर्म को नहीं समझे. परिणाम यह हुआ की मशीनें बढती गईं, हाथ खाली होते गए. बेकारों की फ़ौज जमा हो गई.

बेरोजगारी के समाधान

प्रत्येक समस्या का समाधान उसके कारणों में छिपा रहता है. अतः यदि ऊपर-कथित कारणों पर प्रभावी रोक लगाई जाये तो बेरोजगारी की समस्या का काफी सीमा तक समाधान हो सकता हो. व्यावसायिक शिक्षा, लघु उद्योगों को प्रोत्साहन, मशीनीकरण पर नियंत्रण, रोजगार के नए अवसरों की तलाश, जनसंख्या पर रोक आदि उपायों को शीघ्रता से लागु किया जाना चाहिए. जब तक इस समस्या का उचित समाधान नहीं होगा तब तक समाज में न तो सुख शांति रहेगी और न ही राष्ट्र का व्यवस्थित एवं अनुशासित ढांचा खड़ा हो सकेगा.

प्रत्येक समस्या का समाधान उसके कारणों में छिपा रहता है. अतः यदि ऊपर-कथित कारणों पर प्रभावी रोक लगाई जाये तो बेरोजगारी की समस्या का काफी सीमा तक समाधान हो सकता हो. व्यावसायिक शिक्षा, लघु उद्योगों को प्रोत्साहन, मशीनीकरण पर नियंत्रण, रोजगार के नए अवसरों की तलाश, जनसंख्या पर रोक आदि उपायों को शीघ्रता से लागु किया जाना चाहिए. जब तक इस समस्या का उचित समाधान नहीं होगा तब तक समाज में न तो सुख शांति रहेगी और न ही राष्ट्र का व्यवस्थित एवं अनुशासित ढांचा खड़ा हो सकेगा.स्किल डेवलपमेंट योजना आगे चलकर बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सकती है. हम भारतीयों को स्वयं को ज्ञान और नए अविष्कारों के माध्यम से इतना सक्षम बनाना होगा जिससे विश्व भर के बड़ी कंपनियों को हमारी ताकत का पता चल सके और वह भारत में निवेश करें तथा अपनी कंपनियां शुरू करें. इससे हमारे देश के लोगों को करियर के नए अवसर प्राप्त होंगे और हमारे देश को विकसित होने में मदद मिलेगी.

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