badhti Mehangai ko Lekar do Jagruk logo ke beech mein samvad please
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मित्र हम आपको आरंभ करके दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं इसे पूरा करने का प्रयास करें।
राधा- आजकल महँगाई इतनी बढ़ गई है कि आम लोगों का तो जीना दूभर हो गया है।
गीता- हाँ, ये तो सच कहा तुमने। चीजों के दाम तो आसमान छू रहे हैं।
राधा- रसोई के सामान तो अब निर्धारित बजट में आते ही नहीं हैं।
गीता- यदि महँगाई ऐसी ही रही तो आम आदमी को भूखों मरना पड़ेगा।
राधा - सही कहा तुमने गीता। हर चीज़ के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं ।
गीता - सरकार चाहे तो वह दाम कम कर सकते है , परंतु करना ही नही है। वह तो सिर्फ अपना फायदा देखती है ।
राधा - हम चाहे तो कुछ भी न मुमकिन नही है , हम कि चाहे तो सरकार बदल सकते हे , ऐसी सरकार को ले सकते है जो हमारे हित के लिए काम करे ।
सीता: अरे गीता बहन आज तुम इतनी कम सब्जियों क्यों खरीद रही हो ?
गीता: क्या बताऊं बहन ! आजकल तो इतनी सब्जियां खरीदना भी मुश्किल रहा है I महंगाई नहीं देखी तुमने ? इतनी महंगाई हो गई है कि अब तो जीना ही दूभर हो गया है I
सीता: हाँ यह तो एकदम सच बात है I आज खाने पीने की क्या घर की दूसरी जरूरतें की चीज़ो की कीमते भी आसमान छू रही है I
गीता: चलो मसालों की तो बात अलग है वे तो आती ही महंगे हैं I अब यह प्याज, आलू, टमाटर यह भी इतने महंगे हो गए हैं कि अब तो आदमी सुखी रोटी प्याज से भी नहीं खा सकता I
सीता: हाँ ! प्याज की कीमत ₹60 किलो I पर क्या करें लेना तो पड़ता ही हैं I
गीता: सरकार भी कुछ नहीं कर रही है चाहे तो दाम कम कर सकती है I
सीता: पर महंगाई बढ़ने का मुख्या कारण तो फसल का नष्ट होना है
गीता: हाँ पर सरकार ऐसे इंतजाम क्यों नहीं करती हैं जिससे हम गरीब लोगो को दो वक़्त का खाना तो सही से मिल जाये I