bado ka aadar essay Hindi
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अच्छे संस्कारों की बदौलत ही हम अपने गुणों से पहचाने जाते है और यही संस्कार हमारी संस्कृति को बचाए रखते है। आज हमारे देश की संस्कृति यहां के अच्छे संस्कारों के कारण ही विश्व भर में प्रसिद्ध है। बचपन में माता-पिता और स्कूल में हमें टीचर अच्छे संस्कार देते है। वहीं बड़ों की भूमिका भी अच्छे संस्कार देने में अहम होती है।
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बड़ों का आदर ही करना ही संस्कार: अजय शर्मा
जागरण संवाददाता, सिरसा :
अच्छे संस्कारों की बदौलत ही हम अपने गुणों से पहचाने जाते है और यही संस्कार हमारी संस्कृति को बचाए रखते है। आज हमारे देश की संस्कृति यहां के अच्छे संस्कारों के कारण ही विश्व भर में प्रसिद्ध है। बचपन में माता-पिता और स्कूल में हमें टीचर अच्छे संस्कार देते है। वहीं बड़ों की भूमिका भी अच्छे संस्कार देने में अहम होती है।
उक्त विचार दैनिक जागरण द्वारा महाराजा अग्रसेन कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम में अध्यापक अजय शर्मा ने विद्यार्थियों के समक्ष रखे। इस दौरान बच्चों को बताया कि अच्छे व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे संस्कारों से होती है, अगर व्यक्ति में संस्कार ही नहीं होंगे तो हमारा समाज भी उसे महत्व नहीं देगा और लोग उससे दूरी ही बनाए रखेंगे। वैसे तो हर बच्चे में संस्कार बचपन से ही होते है, लेकिन कुछ बातें और व्यवहार समाज के लोगों व बड़ों से मिलते है। अच्छा बोलना, दूसरों की मदद करना और माता-पिता तथा बड़ों का आदर सम्मान करना ही संस्कार है। हमें हर उस व्यक्ति से संस्कार मिलते है जो हमसे बड़ा हो, चाहे वह दादा-दादी, माता-पिता, भाई बहन या अन्य सभी हमें सही रास्ता दिखाते है और हमें भी उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए और दी गई सीख को ही अपना चाहिए।
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and I don't love u