Hindi, asked by anu585, 1 year ago

badta Pradushan par nibandh

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Answered by Anonymous
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HAMARE BHARAT ME PRADUSHAN BADTA HI JAA RAHA HAI ISKE CHALTE KAI LOGO KI MAUT HOTI HAI EK SURWAY KE DAURAN PATA CHALA HAI KI BHARAT ME 78℅ LOG PRADUSHAN K KAARAN MARTE HAI SABHI LOGO SE MERI YAHI AASHA H KI PRADUSHAN WALE WAAHAN JAISE BULLET ME BADE SILENCER LAGANA BEKAR ME DHUA FAILANA JAISE KAAM NAA KARE










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anu585: Thanks for the answer
Anonymous: welcome
Answered by rakhister80
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Answer:

प्रदूषण

प्र + दूषण से प्रदूषण शब्द बनता है । इसका अर्थ है- विशेष प्रकार का दूषण या अशुद्धियाँ । आजकल प्रदूषण शब्द हमें बार - बार सुनने को मिलता है । इसका प्रभाव पूरे संसार पर पड़ रहा है । प्रकृति से मिले जल , वायु , मिट्टी और वातावरण को मनुष्य दूषित कर रहा है । यही दूषित वातावरण प्रदूषण कहलाता है ।

प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं- वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण और मृदा ( धरती ) प्रदूषण । इन सभी प्राकृतिक तत्वों को मनुष्य इतना दूषित कर चुका है कि ये हम सभी के लिए जानलेवा बन गए हैं । हमारे चारों तरफ वाहनों का धुआँ धूल और फैक्ट्रियों से निकलने वाली हानिकारक गैसें फैली हुई हैं । हम साँस लेते तो हैं , पर उसके साथ अनेक अशुद्धियाँ और दूषित गैसें भी शरीर में प्रवेश करती हैं । इसी प्रकार जल भी दूषित हो चुका है । नदियों में सीवर लाइन और फैक्ट्रियों के निकास के कारण इनकी बहुत बुरी हालत है । नदी का जल पीने योग्य तो क्या सिंचाई के लायक भी नहीं बचा है । गंगा - यमुना जैसी पवित्र नदियाँ गंदे नालों में बदल गई हैं ।

हर जगह पेड़ों की कटाई करने से मिट्टी धंस रही है । रासायनिक खाद और कूड़े के विशाल ढेरों ने मिट्टी के गुणों को नष्ट कर दिया है । स्वाभाविक उपजाऊपन नष्ट होता जा रहा है । पैदावार और फसल में भी इस प्रदूषण का असर आ रहा है । चारों तरफ शोर , वाहनों की कर्कश ध्वनि , लाउडस्पीकरों और गाड़ियों ने जैसे सब की शांति भंग कर दी है । शहर और गाँव सभी शोर से घिरे रहते हैं । शांति की कमी ने मनुष्य को बेचैन कर दिया है । जेट विमानों , रॉकेटों आदि के शोर से बच्चों में बहरेपन की शिकायत बढ़ रही है ।

इन चारों प्रकार के प्रदूषणों से बचने का उपाय पेड़ लगाना है । हम फ्लाईओवर , पुल , इमारतें आदि बनाने में हज़ारों की संख्या में पेड़ काट रहे हैं । प्रदूषण से बचने के लिए हमें लाखों पेड़ लगाने होंगे ।

दूषित नदियों को साफ़ करना होगा । प्राकृतिक खाद को ही प्रयोग में लाना होगा । नदियों की सफ़ाई और जीवों की रक्षा पर ध्यान देना होगा । इन सबमें सबसे ज़रूरी है- पेड़ लगाना । हमें अपनी धरती , अपने आकाश और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे । नदियों को साफ़ करके और भारी तादाद में पेड़ लगाकर ही हम अपनी पृथ्वी को बचा सकते हैं ।

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