Social Sciences, asked by 8178574737sumit, 2 months ago

bagano mein kaam krne wale logo ki mahatma gandhi ke liye apni alag avdharna thi iss kathan ki vyakhya kijiye​

Answers

Answered by MsAainaDz
2

Answer:

भारत के राजनीतिक दल एक बार फिर वोट बैंक की निर्लज्ज सियासत में व्यस्त हैं। वे लोगों का धर्म, जाति और आर्थिक वर्ग के आधार पर शोषण कर रहे हैं। दर्जनों दल प्रतिस्पर्धा में हैं और वे हमारे समाज को गहराई तक विभक्त कर रहे हैं। सबसे बुरा यह कि विजेता जनता के सिर्फ अल्पमत से ही जीतकर हमारे शासक बन जाएंगे। इसी कारण भारत में असैद्धांतिक गठबंधन और अस्थायी सरकारें बनती रही हैं।

परंतु सालों से चली आ रही इन बुराइयों के बाद भी, भारत दो राजनीतिक दलों पर आधारित व्यवस्था विकसित करने में असफल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के राजनीतिक विखंडन की वजहें ढांचागत हैं। उनका कारण हमारी सरकार की दोषपूर्ण प्रणाली है।

किसी भी देश में एक स्वस्थ राजतंत्र के निर्माण के लिए द्वि-दलीय व्यवस्था आवश्यक है। मुद्दों पर बहुमत का नजरिया जानने की जनता की मूल लोकतांत्रिक इच्छा को संतुष्ट करने का यही एकमात्र रास्ता है। इससे लोग चुनावी व विधायी निर्णयों को ज्यादा स्वीकृति देते हैं, और एक निर्णायक व सहभागी लोकतंत्र का निर्माण होता है। दो अतिवादी विचारों के सामने आने से मध्यमार्गी नीतियां बनाने की राह भी खुलती है, जिन्हें और भी ज्यादा व्यापक आम सहमति मिल सकती है। दो पार्टियों पर आधारित व्यवस्था सरकारों को भी अधिक उत्तरदायी बनाती है, क्योंकि सत्तापक्ष या विपक्ष के पास बहानेबाजी का कोई तरीका नहीं बचता। और सबसे बढ़कर, द्वि-दलीय व्यवस्था पार्टियों में सत्ता झपटने के लिए होने वाले सियासी खेल खत्म कर देती है।

वैसे भी, द्वि-दलीय व्यवस्था का विकल्प ही क्या है? एक पार्टी पर आधारित प्रणाली लोकतंत्र नहीं है। और बहु-दलीय व्यवस्था बहुत फिसलन भरी डगर है, जिसके विषय में हम पहले ही बात कर चुके हैं।

हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं है कि द्वि-दलीय व्यवस्था थोप देनी चाहिए। ऐसा फरमान लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विपरीत होगा, और इसे व्यवहारिक रूप से लागू भी नहीं करवाया जा सकता। इसलिए आदर्श स्थिति एक ऐसी प्रणाली अपनाना है, जिसका रूझान दो पार्टियां लाने की ओर हो, परंतु जो दो से अधिक दलों के होने पर भी कारगर हो।

परंतु सालों से चली आ रही इन बुराइयों के बाद भी, भारत दो राजनीतिक दलों पर आधारित व्यवस्था विकसित करने में असफल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के राजनीतिक विखंडन की वजहें ढांचागत हैं। उनका कारण हमारी सरकार की दोषपूर्ण प्रणाली है।

किसी भी देश में एक स्वस्थ राजतंत्र के निर्माण के लिए द्वि-दलीय व्यवस्था आवश्यक है। मुद्दों पर बहुमत का नजरिया जानने की जनता की मूल लोकतांत्रिक इच्छा को संतुष्ट करने का यही एकमात्र रास्ता है।▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃▃@DevilQueen

#BrainlyCelb ✅

\huge\bold{\pink{Høpê } \green{ \: ït} \red{ \: hêlps \: } \purple{uh♡}}\huge\fcolorbox{black}{lime}{Follow Me}

Similar questions