Hindi, asked by 1218, 1 year ago

Bahu ki vida ekanki ki summary

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Answered by mchatterjee
143
बहु की विदा एकांकी आज के समाज में व्याप्त उन लोगों के जीवन पर आधारित है जो अपने बहु को तो बेटी मानते​ है लेकिन उनको वह हक नहीं देते हैं। जब हक देने की बात आती है।

एकांकी में एक ओर जीवनलाल जी अपने बेटे को भेजते हैं अपनी पुत्री को ससुराल से राखी के उपलक्ष्य में घर ले आने के लिए। वहीं दूसरी ओर जब उनकी स्वयं की बहु का भाई आता है तो वह अपने बहु को सिर्फ इसलिए नहीं भेजते हैं क्योंकि उनके अंदर की दहेज की लालसा खत्म नहीं हुई है।

जब उनकी बेटी को भी ससुराल से दहेज के वजह से आने नहीं मिलता है तब जाकर जीवनलाल जी की आंखें खुलती हैं और वे तब बेटी और बहु के बीच के मतभेद से खुद को बाहर निकाल लेते हैं।

इस तरह एकांकीकार ने बेटी और बहु को एक समान मानने का संदेश​ दिया है।
Answered by bhavasarbinal
45

बहु की विदा एकांकी आज के समाज में व्याप्त उन लोगों के जीवन पर आधारित है जो अपने बहु को तो बेटी मानते​ है लेकिन उनको वह हक नहीं देते हैं। जब हक देने की बात आती है।

एकांकी में एक ओर जीवनलाल जी अपने बेटे को भेजते हैं अपनी पुत्री को ससुराल से राखी के उपलक्ष्य में घर ले आने के लिए। वहीं दूसरी ओर जब उनकी स्वयं की बहु का भाई आता है तो वह अपने बहु को सिर्फ इसलिए नहीं भेजते हैं क्योंकि उनके अंदर की दहेज की लालसा खत्म नहीं हुई है।

जब उनकी बेटी को भी ससुराल से दहेज के वजह से आने नहीं मिलता है तब जाकर जीवनलाल जी की आंखें खुलती हैं और वे तब बेटी और बहु के बीच के मतभेद से खुद को बाहर निकाल लेते हैं।

इस तरह एकांकीकार ने बेटी और बहु को एक समान मानने का संदेश​ दिया है।

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