Bahut purane samay mein sandesh kaise bheje jate the
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पुराने ज़माने की चैटिंग - आजकल जिसको देखो वो सोशल मीडिया से चिपका हुआ मिलता है और हर वक्त किसी ना किसी से चैटिंग करते हुए दिख जाता है।
लेकिन क्या आप जानते है जब पुराने समय में इंटरनेट नहीं होता था तब कैसे एक जगह से दूसरी जगह संदेश भेजा जाता था।
आज हम आपको यही बताने जा रहे है कि बिना इंटरनेट के भी पुराने समय में लोगों द्वारा चैटिंग की जाती थी।
हालाँकि आज की तरह पुराने समय में सेकंडों में संदेश नहीं पहुँचता था, थोड़ा समय जरुर लगता था लेकिन एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुंचाएं भी जाते थे और जवाब भी मिलते थे।
तो चलिए आज जानते है पुराने ज़माने की चैटिंग -
1.
कबूतर-
आपने फिल्मों में देखा ही होगा कबूतरों को चिट्ठी ले जाते हुए। दरअसल ये पुराने ज़माने का संदेश पहुचाने का सबसे फ़ास्ट और सटीक साधन हुआ करता था। कबूतरों ने कई जमानों तक लोगों के संदेश पहुंचाएं है।
2. संदेश वाहक-
पहले राजाओं के दरबार में संदेश वाहक के रूप में कुछ लोगों को रखा जाता था जो राजाओं के संदेशों को गुप्त तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते थे।
3. पेड़ो पर छोड़े जाते थे संदेश-
जिस तरह आज के समय में एडवर्टाइजिंग से संदेश दिया जाता है पुराने समय में पेड़ो पर इस तरह के संदेशो को उकेरा जाता था, ताकि और भी लोगों तक उनकी बातें पहुँच सके।
4. टेलीपेथी-
इशारों में बात करने या संदेश पहुँचाने को टेलीपेथी कहते है। यह एक बहुत पुरानी तकनीक है जिससे आपकी बात सामने वाले तक पहुँच भी जायेगी और किसी को पता भी नहीं चलेगा।
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