Bal Govind Bhagat ki dincharya logo ke Akshar aaj ka Karan Kyon thi
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बाल गोविंद की दिनचर्या से लोगों को अचरज क्यों होता था?
उत्तर:
बाल गोविंद की दिनचर्या से लोगों को अचरज इसलिए होता था, क्योंकि वह अपने बनाए कठोर नियमों का दृढ़ता से पालन किया करते थे। उनकी दिनचर्या एकदम नियम-अनुशासन से बंधी हुई। वह सुबह तड़के ही उठ जाते थे, तब तक सूर्योदय भी नहीं हुआ होता था। वह गांव से दो मील नदी पर स्नान करने के लिए जाते थे। जब वह स्नानादि करके जब वापस लौटते तो वह किसी पोखर के ऊंचे स्थान पर बैठकर खंजड़ी बचाते हुए गीत गाने लगते और अब वह अपने इस कार्य में ना सर्दी देखते ना ही गर्मी। इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह ना तो किसी की वस्तु को बिना पूछे छूते और ना ही पराई वस्तु का उपयोग करते। वह शौच आदि के लिए भी दूसरों के खेतों पर नहीं जाते। अपने नियमों के प्रति इतनी दृढ़ता और अनुशासन देखकर ही लोगों को अचरज होता था।
Answer:
बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों को हैरान कर देते थे वह भगत जी के सरलता और सादगी से हैरान रह जाते थे भगत जी बिना पूछे किसी से कोई चीज नहीं लेते थे। यहां तक कि वह किसी के दूसरे के खेत में सोच तक नहीं किया करते थे लोग भगत जी पर तब और अचरज करते थे जब वह भोर काल में उठकर 2 मील दूर खड़ी बजाते हुए और गायन शैली का प्रस्तुतीकरण करते हुए नदी तट पर नहाते थे।
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