Bal Govind Bhagat Prabhatiya Ghate the Karam vachya mein badaliye
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बालगोबिन भगत प्रभातियाँ गाते थे। (कर्तृवाच्य)
कर्म वाच्य = बालगोबिन भगत द्वारा प्रभातियाँ गायी जाती थीं।
कर्म वाच्य: वाच्य का वह रूप जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के ना अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार हो उन्हें ‘कर्मवाच्य’ कहते हैं।
कर्म वाच्य के उदाहरण :
अनेक पाठकों द्वारा पुस्तकों को सराहना की गयी।
राकेश के द्वारा पुस्तक पढ़ी जा रही है|
वाच्यों के तीन भेद होते हैं
कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
भाववाच्य
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निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए
1.अनेक पाठकों ने पुस्तक की सराहना की। (कर्मवाच्य में बदलिए)
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ok Tata bay bey
Explanation:
Bal Govind Bhagat Prabhatiya Ghate the Karam vachya mein badaliye
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