Hindi, asked by kritikaraghuwanshi25, 1 month ago

bal majduri samaj ke liye abhishap per anuched ​

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Answered by ABHIJEETPRATAPSINGH
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Answered by tasnim3447
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Answer:

बचपन इंसान की जिदगी का सबसे हसीन पल न किसी बात की चिंता न कोई जिम्मेदारी बस हर समय अपनी मस्तियों में खोए रहना, खेलना कूदना और पढना। लेकिन सभी का बचपन ऐसा है। यह जरूरी नही। बाल मजदूरी की समस्या से आप अच्छी तरह वाकिफ होगे। कोई भी ऐसा बच्चा जिसकी उम्र 14 वर्ष से कम हो और वो जिविका के लिए काम करे बाल मजदूर कहलाता है। गरीबी लाचारी और माता पिता की प्रताडना के चलते ये बच्चे बाल मजदूरी के दल मे धसते चले जाते है।

आज दुनिया भर मे 215 मिलियन ऐसे बच्चे है। जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम है। और इन बच्चो का समय स्कूल मे कॉपी किताबो और दोस्तो के बीच नही बल्कि होटलो, घरांे, उद्योगो में बर्तनों झाडू - पोछे और ओजारों के बीच बीतता है।

दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत मे ही है। 1991 की जनगणना के हिसाब से बाल मजदूरों का आंकडा 11ण्3 मिलियन था। 2001 में यह आकडा 12ण्7 मिलियन पहुंच गया। बडे शहरों के साथ छोटे शहरो में भी हर गली नुक्कड पर कई राजू मुन्नी छोटु चवन्नी मिल जाएगे जो हालात के चलते बाल मजदूरी की गिरफ्त मे आ चुके है। और यह बात केवल बाल मजदूरी तक ही सीमित नही है इसके साथ बच्चों को कई घिनौने कुकृत्यो का भी सामना करना पडता है। जिनका बच्चों के मासूम मन पर बडा गहरा प्रभाव पडता है।

कई एन जी ओ समाज मे फैली इस कुरीति को पूरी तरह नष्ट करने का प्रयास कर रहे है ।इन एन जी ओ के अनुसार 50ण्2 प्रतिशत ऐसे बच्चे है जो सप्ताह के सातों दिनों काम करते है। 53ण्22 प्रतिशत योन प्रताडना के शिकार हो रहे है इनमें से हर दूसरे बच्चे को किसी तरह भावनात्मक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। 50 प्रतिशत के शिकार हो रहे है।

बाल मजदूरी की इस स्थ्तिि मे सुधार के लिए सरकार ने 1986 मे चाइल्ड लेबर एक्ट बनाया जिसके तहत बाल मजदूरी को एक अपराध माना गया तथा रोजगार पाने की न्यूनतम आयु 14 वर्ष कर दी। जनवरी 2005 में नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट स्कीम को 21 विभिन्न भारतीय प्रदेशो के 250 जिलों तक बढाया गया आज सरकार ने आठवीं तक की शिक्षा को अनिवार्य और निशुल्क कर दिया है। लेकिन लोगो की गरीबी और बेबसी के आगे यह योजना भी निष्फल साबित होती दिखाई दे रही है। बच्चों के माता पिता सिर्फ इस वजह से उन्हें स्कूल नहीं भेजते क्योंकि उनके स्कूल जाने से परिवार की आमदनी कम हो जाएगी। बाल मजदूरी का मुख्य कारण केवल गरीबी ही है। बाल मजदूरी को जड से खत्म करने के लिए जरूरी है गरीबी को खत्म करना। इन बच्चों के लिए दो वक्त का खाना मुहैया कराना।इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होगे। सिर्फ सरकार ही नही आम जनता की भी इसमें सहभागिता जरूरी हर एक व्यक्ति जो आर्थिक रूप से समक्ष हो अगर ऐसे एक बच्चे की भी जिम्मेदारी लेने लगे तो सारा परिदृश्य ही बदल जायेगा। क्या आपको नहीे लगता कि कोमल बचपन को इस तरह गर्त मे जाने से रोक सकते है। देश के सुरक्षित भविष्य के यह जिम्मेदारी अब लेनी ही होगी। क्या आप लेगे ऐसे किसी एक मासूम की जिम्मेदारी?

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