Hindi, asked by Oanurag, 11 months ago

Bal Ram Katha Sita Ki Khoj lesson 8 10question answer​

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Answered by asiantraders
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Courses हिंदी - बाल राम कथा - Class 6 Bal Ram Katha - सीता की खोज / Sita Ki Khoj (Chapter 8 - Page 48)

हिंदी - बाल राम कथा - Class 6 / Grade 6

Bal Ram Katha - सीता की खोज / Sita Ki Khoj (Chapter 8 - Page 48)

Bal Ram Katha - सीता की खोज / Sita Ki Khoj (Chapter 8 - Page 48)

सीता की खोज (Page 48) – प्रश्न

सीता की खोज (Page 48)

Image from NCERT book

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1 राम कुटिया वापस आते हुए क्या सोच रहे थे?

उत्तर- राम ने मारीच की माया देख ली थी इसलिए वह चाहते थे कि लक्ष्मण कुटिया के पास ही हों । मारीच की मायावी आवाज़ लक्ष्मण तक न पहुँची हो ।

प्रश्न-2 राम सीता के लिए क्यों चिंतित हो रहे थे?

उत्तर- राम इसलिए चिंतित थे क्योंकि उनको डर था कि अगर सीता अकेली हुई तो राक्षस उन्हें मार डालेंगे या खा जाएँगे।

प्रश्न-3 लक्ष्मण को पगडंडी पर आते देख राम के मन में किस प्रकार के सवाल उठने लगे?

उत्तर - लक्ष्मण को पगडंडी पर आते देख राम के मन में कई प्रकार के सवाल उठने लगे जैसे कि पता नहीं सीता किस हाल में होगी? राक्षसों ने उन्हें मार डाला होगा? उठा ले गए होंगे? अकेली सीता दुष्ट राक्षसों के सामने क्या कर पाई होंगी? अदि।

प्रश्न-4 राम लक्ष्मण से क्यों क्रोधित थे?

उत्तर - राम लक्ष्मण से इसलिए क्रोधित थे क्योंकि लक्ष्मण सीता को अकेला छोड़ कर राम को ढूंढ़ने के लिए निकल गए थे।

प्रश्न-5 राम की बेचैनी क्यों बढ़ गई?

उत्तर - जब राम के पुकारने पर भी कुटिया से सीता की कोई आवाज़ नहीं आई तो राम की बेचैनी बढ़ गई।

प्रश्न-6 किसने किससे कहा?

i. “देवी सीता ने मुझे विवश कर दिया, भ्राते! उनके कटु वचन मैं सहन नहीं कर सका।”

लक्ष्मण ने राम से कहा।

ii.“यह तुमने अच्छा नहीं किया। तुम्हें मेरी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था।”

राम ने लक्ष्मण से कहा।

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Answered by coolthakursaini36
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उत्तर-> राक्षस और ऋषि मुनि एक साथ नहीं रह सकते थे क्योंकि राक्षस प्रवृत्ति से ही क्रूर और अमानवीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं। देवताओं और राक्षसों में शक्तिशाली बनने की होड़ लगी रहती थी। पूजा, यज्ञ आदि कार्यों से देवताओं को शक्ति मिलती थी। राक्षस नहीं चाहते थे की देवता शक्तिशाली बने इसलिए वह ऋषि मुनियों के यज्ञ आदि कार्यों में विघ्न डालते थे।

राक्षस पूरे ब्रह्मांड में अपना राज चाहते थे इसलिए वे विना कारण ही सभी को परेशान करते थे और दैविक कार्यों में विघ्न डालते थे।

इसलिए ऋषि मुनि और राक्षस एक साथ नहीं रह सकते थे।

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