Hindi, asked by Gurleen0715, 9 months ago

balsharm ik bainker samasaya par niband likeh
plz ans fast
I will mark u as brilliant
plzzzz ​

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Answered by Anonymous
3

Answer:

किसी भी व्यक्ति के लिए बचपन ही सबसे अच्छा और सुनहरा वक्त होता है लेकिन जब बचपन में ही जिम्मेदारियों का बोझ नन्हे हाथों पर डाल दिया जाता है तो बचपन के साथ साथ उसकी पूरी जिंदगी खराब हो जाती है

क्योंकि बच्चों से उनके माता-पिता या अभिभावक कुछ चंद रुपयों के लिए कठिन कार्य करवाते है जिससे वह बच्चा पढ़ लिख नहीं पाता है और वह किसी नौकरी करने के योग्य भी नहीं रह पाता है इसलिए उसे मजबूरी वश जिंदगी भर मजदूरी करनी पड़ती है जिससे उसका पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत होता है.

बाल मजदूरी हमारे समाज और हमारे देश के ऊपर सबसे बड़ा कलंक है आज भले ही भारत के लोग पढ़े लिखे हैं लेकिन जब किसी बच्चे को मजदूरी करते हुए देखते है तो उसकी सहायता नहीं करते हैं सहायता करना तो दूर वे पुलिस या अन्य सरकारी संस्थाओं को इसकी जानकारी तक नहीं देते है.

किसी भी बच्चे के लिए बचपन में काम करना एक बहुत ही भयावह स्थिति होती है क्योंकि कभी कभी बच्चों के साथ कुछ ऐसे कृत्य हो जाते है जिससे उनकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है.

जैसे जैसे देश की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे ही बाल मजदूर भी बढ़ते ही जा रहे हैं इसे अगर जल्द ही रोका नहीं गया तो हमारे देश के लिए यह आने वाली सबसे बड़ी महामारी होगी.

हमारी भारत सरकार ने बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं होने के कारण सड़क के किनारे बने ढाबों, होटलों इत्यादि में आज भी बच्चे बाल मजदूरी कर रहे होते है लेकिन कोई भी उनकी तरफ ध्यान नहीं देता है.

हमें एक भारत के सच्चे नागरिक होने का कर्तव्य निभाना चाहिए जब भी आपको कोई बच्चा बाल मजदूरी करता हुआ दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने मैं उसके खिलाफ शिकायत करनी चाहिए जब तक हम स्वयं जागरुक नहीं होंगे तब तक सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों कि ऐसे ही अवहेलना होती रहेगी.

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Answered by Shilpanavitha
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Answer:

Explanation:किसी भी व्यक्ति के लिए बचपन ही सबसे अच्छा और सुनहरा वक्त होता है लेकिन जब बचपन में ही जिम्मेदारियों का बोझ नन्हे हाथों पर डाल दिया जाता है तो बचपन के साथ साथ उसकी पूरी जिंदगी खराब हो जाती है

क्योंकि बच्चों से उनके माता-पिता या अभिभावक कुछ चंद रुपयों के लिए कठिन कार्य करवाते है जिससे वह बच्चा पढ़ लिख नहीं पाता है और वह किसी नौकरी करने के योग्य भी नहीं रह पाता है इसलिए उसे मजबूरी वश जिंदगी भर मजदूरी करनी पड़ती है जिससे उसका पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत होता है.

बाल मजदूरी हमारे समाज और हमारे देश के ऊपर सबसे बड़ा कलंक है आज भले ही भारत के लोग पढ़े लिखे हैं लेकिन जब किसी बच्चे को मजदूरी करते हुए देखते है तो उसकी सहायता नहीं करते हैं सहायता करना तो दूर वे पुलिस या अन्य सरकारी संस्थाओं को इसकी जानकारी तक नहीं देते है.

किसी भी बच्चे के लिए बचपन में काम करना एक बहुत ही भयावह स्थिति होती है क्योंकि कभी कभी बच्चों के साथ कुछ ऐसे कृत्य हो जाते है जिससे उनकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है.

जैसे जैसे देश की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे ही बाल मजदूर भी बढ़ते ही जा रहे हैं इसे अगर जल्द ही रोका नहीं गया तो हमारे देश के लिए यह आने वाली सबसे बड़ी महामारी होगी.

हमारी भारत सरकार ने बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं होने के कारण सड़क के किनारे बने ढाबों, होटलों इत्यादि में आज भी बच्चे बाल मजदूरी कर रहे होते है लेकिन कोई भी उनकी तरफ ध्यान नहीं देता है.

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