Bandar aur magarmach ki kahani
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Answer:एक बार की बात है, एक बहुत घना जंगल था, जहाँ सभी जानवर एक दूसरे के साथ बहुत प्यार से रहा करते थे। उस जंगल के बीच एक बहुत सुंदर और बड़ा तालाब भी था। उस तालाब में एक मगरमच्छ और उसका परिवार रहता था।
और तो और तालाब के चारों ओर बहुत सारे मीठे-मीठे फलों के पेड़ लगे हुए थे। उनमें से एक जामुन के पेड़ पर एक बंदर रहता था। उस पेड़ के जामुन बहुत मीठे थे।
बंदर और मगरमच्छ एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे।बंदर पेड़ से मीठे और स्वादिष्ट जामुन खाता रहता था और साथ ही साथ, अपने दोस्त मगरमच्छ को भी देता रहता था।
बंदर अपने दोस्त मगरमच्छ का खास ख्याल रखता था और मगरमच्छ भी उसे अपनी पीठ पर बैठाकर पूरे तालाब में घुमाता रहता था।
ऐसे ही हँसी ख़ुशी, दिन निकलते गए और दोनों की दोस्ती बहुत गहरी होती गई। बंदर जो जामुन मगरमच्छ को खाने के लिए देता था, मगरमच्छ उनमें से कुछ जामुन अपनी पत्नी के लिए भी ले जाता था। दोनों जामुनों को बड़े ही चाव से मिलकर खाते थे।
कुछ दिनों के बाद, मगरमच्छ की पत्नी ने सोचा कि बंदर तो हमेशा ही स्वादिष्ट जामुन खाता रहता है।जब जामुन इतने स्वादिष्ट है तो उसका कलेजा कितना स्वादिष्ट होगा।
उसने यह सारी बात मगरमच्छ को भी बोली और वह उससे जिद करने लगी कि उसे तो बंदर का कलेजा ही खाना है।मगर ने उसे बहुत समझाने कि कोशिश की, लेकिन उसने उसकी एक भी बात नहीं मानी और वह मगरमच्छ से रूठ गई|
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