bandhan mukt hone par harihar kaka ko unke parivar walon ne kis prakar rakha
Answers
Answer:
खलिहान की ओर जाते हुए गुस्साए हरिहर काका को महंत जी अपने साथ ठाकुरबारी ले आए और उनकी जमीन पाने के लिए धर्म, मोह और माया का सहारा लेते हुए काका से समझाते हुए कहने लगे, “हरिहर ! यहाँ कोई किसी का नहीं है। सब माया का बंधन है। तू तो धार्मिक प्रवृत्ति का आदमी है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि तुम इस बंधन में कैसे फैंस गए? ईश्वर में भक्ति लगाओ। उसके सिवाय कोई तुम्हारा अपना नहीं। पत्नी, बेटे, भाई-बंधु सब स्वार्थ के साथी हैं। जिस दिन उन्हें लगेगा कि तुमसे उनका स्वार्थ सधने वाला नहीं, उस दिन वे तुम्हें पूछेगे तक नहीं। इसीलिए ज्ञानी, संत, महात्मा ईश्वर के सिवाय किसी और में प्रेम नहीं लगाते।’ महंत द्वारा हरिहर काका के साथ जैसा व्यवहार किया गया उसे मैं तनिक भी उचित नहीं मानता, क्योंकि इससे महंत काका की जमीन हड़पना चाहते थे। इसके अलावा वे काका के मन में उनके परिवार और भाइयों के प्रति दुर्भावना भी भर रहे थे।
Answer:
खलिहान की ओर जाते हुए गुस्साए हरिहर काका को महंत जी अपने साथ ठाकुरबारी ले आए और उनकी जमीन पाने के लिए धर्म, मोह और माया का सहारा लेते हुए काका से समझाते हुए कहने लगे, “हरिहर ! यहाँ कोई किसी का नहीं है। सब माया का बंधन है। तू तो धार्मिक प्रवृत्ति का आदमी है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि तुम इस बंधन में कैसे फैंस गए? ईश्वर में भक्ति लगाओ। उसके सिवाय कोई तुम्हारा अपना नहीं। पत्नी, बेटे, भाई-बंधु सब स्वार्थ के साथी हैं। जिस दिन उन्हें लगेगा कि तुमसे उनका स्वार्थ सधने वाला नहीं, उस दिन वे तुम्हें पूछेगे तक नहीं। इसीलिए ज्ञानी, संत, महात्मा ईश्वर के सिवाय किसी और में प्रेम नहीं लगाते।’ महंत द्वारा हरिहर काका के साथ जैसा व्यवहार किया गया उसे मैं तनिक भी उचित नहीं मानता, क्योंकि इससे महंत काका की जमीन हड़पना चाहते थे। इसके अलावा वे काका के मन में उनके परिवार और भाइयों के प्रति दुर्भावना भी भर रहे थे।
Explanation:
hope u like it n mark me as brainliest