bank mai 500 ke note jama karvane ke liye bank prabandhak or grahak ke beech ki baatcheet par samvad likhe
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साख पत्र किसी लेनदेन में भुगतान का भी स्रोत हो सकता है, मतलब यह कि साख पत्र के बदले में किसी निर्यातक को भुगतान मिल सकता है। साख पत्र का उपयोग मुख्यतः खास किस्म के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन में हुआ करता है, ऐसे सौदों में जिनमें आपूर्तिकर्त्ता एक देश में बैठा हो और उसका ग्राहक किसी अन्य देश में. इनका उपयोग भूमि विकास प्रक्रियाओं के लिए भी होता है ताकि मंजूर हो चुकीं जन-सुविधाओं (सड़कें, फुटपाथ, बरसाती तालाब आदि) के निर्माण कार्य पूरे हो सकें. साख पत्र से जुड़ी पार्टियों में आम तौर पर एक लाभार्थी होता है जो रकम प्राप्त करता है, एक जारीकर्त्ता बैंक होता है आवेदक जिसका ग्राहक है और परामर्शदाता बैंक होता है लाभार्थी जिसका ग्राहक है। लगभग सभी साख पत्र अपरिवर्तनीय या अटल होते हैं, मतलब यह कि लाभग्राही, जारीकर्ता बैंक और तसदीक करने वाले बैंक के बीच पूर्व करार के बिना ना ही इसमें कोई संशोधन किया जा सकता है न ही इसे रद्द नहीं किया जा सकता है। किसी लेनदेन को संपन्न करने में गिरो (ऋण अंतरण-निपटान प्रणाली) और यात्री चेक के कार्य साख पत्र में भी निहित होते हैं। विशेष रूप से, वाणिज्यिक बीजक (कमर्शियल इनवॉयस), बिल्टी (बिल ऑफ लैडिंग) और जहाज पर लदाई के संक्रमण के दौरान खोने या नुकसान होने से बचाने के लिए किये गए बीमा से संबंधित दस्तावेज भुगतान प्राप्त करने के समय लाभार्थी को पेश करने पड़ते हैं। बहरहाल, दस्तावेजों की सूची और प्रारूप में कल्पना और समझौते की गुंजाइश होती है और हो सकता है उसमें एक तटस्थ तीसरे पक्ष द्वारा जहाज में लादे गए माल की गुणवत्ता या उसके मूल स्थान को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज को पेश करने की जरुरत भी शामिल हो सकती है।