Bar Bar sochte kya hoga is kom ka jo apne desh ke khatir ghar grihasti jvani zindagi sab kuch hom dene valo par bhi hasti hein aur apne liye bikne ke moke dhundti hein . Dukhi ho gye .
(a) Lekhak kis kom ki baat kar raha hein
(b) Kon hein joh bikne ke moke dhundti hein
(c) kon kiska mazak ura raha hein.
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(a)बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।” लेखक का उपरोक्त वाक्य से यह आशय है कि लेखक बार-बार यही सोचता है कि उस देश के लोगों का क्या होगा जो अपने देश के लिए सब न्योछावर करने वालों पर हँसते है।
(b) “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।
(c)
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