Barish ki ek Shaam par ek nibandh likhiye
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वह शाम मुझे आज भी याद है। कल जब मैं अपने घर में बैठकर पढ़ाई कर रहा था तब अचानक से बारिश होने लगी। सूखी मिट्टी से आनंदमई सुगंध उठने लगी जैसे मानो जिंदेगी जीना सफल हो गई । जोड़ों से आंधी चलने लगी और और साथ साथ बारिश टपकने कि खंखनाहट कि आवाज काफी सुंदर लगने लगा
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बरसात की एक शाम :-
एक दिन मैं अपने सहेली के साथ गिरगाव चौपाटी घूमने गई थी। दोपहर का समय था, इसलिए धूप निकली हुई थी, जब हम चौपाटी पहुँचे तो इस धूप ने हमारा हाल बेहाल कर दिया था। फिर भी हम वहाँ मजे कर रहे थे, फोटो खींच रहे थे।
देखते ही देखते शाम होने लगी, जैसे जैसे अंधेरा होने लगा वैसे तेज हवाएं चलने लगी, बादलों का गडगड़ाना शुरू हुआ और अचानक बारिश होने लगी। बारिश की बूंदों से मिट्टी का सुगंध सभी ओर फैल गया। बारिश की वजह से हम बहुत खुश हो गए।
बारिश के कारण हमें गर्मी से छुटकारा मिल गया। खुशी के कारण हम बारिश में झूमने लगे। हमारे साथ चौपाटी पर मौजूद सभी लोग खुश हो गए। सभी चिंताओं को भूलकर वे बारिश में नाचने लगे। मैं मेरे सहेली पर समंदर का पानी उड़ाने लगी। वहां का वातावरण बहुत सुहाना हो गया था। पास ही एक
भुट्टेवाला था, हमने वहाँ भुट्टा खाया। बारिश में का मजा ही कुछ और है। भुट्टा खाने
धीरे धीरे बारिश और बढ़ने लगी। तब सभी लोग चौपाटी से अपने घर की ओर निकलने लगे। हम भी अच्छी यादों के साथ वहाँ से निकल गए।
इस तरह बरसात की यह शाम मेरे लिए बड़ी आनंदादयक थी और यह मुझे आज भी याद है।