Hindi, asked by simranchoudhary588, 28 days ago

barish par swarachit Kavita likhiye​

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Answered by akhilguptta
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Answer:

वर्षा ऋतु पर कविता –

मेघ आये बड़े बन-ठन के,

सँवर के मेघ आये बड़े बन-ठन के, सँवर के।

पाहुन ज्यों आये हों गाँव में शहर के।

बांकीचितवन उठा नदी, ठिठकी, घूँघट सरके।

Explanation:

Hope this helped you.

Answered by petkarmadhavi4
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Answer:

वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।

उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।।

चपला भी चमक कर रोशनी बिखेर रहे है ।

गुड़-गुड़ कर के बादल भी गरज रहे है ।।

ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।

बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।।

मदमस्त मोर पीहू पीहू करके नाच रहा है ।

कोयल भी मस्त राग सुना रही है ।।

मेंढक भी प्यारे संगीत गा रहे है ।

बाज भी बादलों के ऊपर उड़ान भरकर इतरा रहा है ।।

कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।

मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।

बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।

सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।।

वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जला रही है ।

वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।।

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