barsha ritu pe kavita
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पानी आया... पानी आया...
गरज रहे बादल घनघोर
ठमक-ठमक कर नाचे मोर
पी-पी रटने लगा पपीहा
झन-झन-झन झींगुर का शोर
दूर कहीं मेंढक टर्राया
पानी आया... पानी आया...
रिमझिम-रिमझिम बूंदें आईं
खुशियों की सौगातें लाईं
पेड़ों के पत्तों ने भरभरझूम-झूमकर तालियां बजाईं
गर्मी का हो गया सफाया
पानी आया... पानी आया...
भीग रहे कुछ छाता तानेरानू-मोनू लगे नहाने
छप-छप-छप-छप करते फिरते
सपने जैसे हुए सयाने
बच्चों का मन है हर्षाया
पानी आया... पानी आया...
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Answer:
बरसात है ऋतुओं की रानी,
चारों तरफ बरसा है पानी,
लोगों ने है छतरी तानी।।
नभ में काले बादल छाये,
नाचे मोर पंख फैलाए,
कोयल मीठे गीत सुनाये।।
झूम उठे हैं सब किसान,
सब खाएं मीठे पकवान।
सबका हो इससे कल्याण,
क्या निर्धन क्या धनवान।।
वर्षा ख़ुशहाली फैलाती है,
कुछ देने का संदेश सुनाती है।
इसे सुने हम इसे गुने हम,
वर्षा जैसा सरस् बनें हम।।