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आशा से भरकर जीवन को देखो तो निराश और नकारात्मक दिखाई देने वाला जीवन का मार्ग साफ और गतिशील
दिखाई देना आरंभ हो जाएगा। इसके लिए तुम्हया करना होगा इसका उत्तर
तुम्हे केवल अनत धैर्य
विश्वास और आशा से अपनी मंजिल की ओर देखना 11 तुम्हे यह भी ध्यान रखना होगा कि जो आज नहीं
हुआ, वह कल होगा। कल नही तो परसा अयश्या तुम्हारे प्रयत्न निकल नहीं जाएं।। प्रतीक्षा और आशा
जीवन-पथकदीचे प्रकाश स्तमीजी की परिस्थितियां को अपने आस-पास केयक्तियों को उनके
अपर हिस्सों की ओर से मत देखा। वहीसे मत देखा, जहा से बीजे और स्थितियों कष्टपूर्ण और प्रतिकूल प्रतीत
होती है। हर किसी के उजाल और प्रकाशमान ४ को याजी। धन कोटी के बीच खिले छोटे-से फूल को प्रेम
के साथ देखनकाटे दिखाई नहीं देगा विश्वास और आस्था की स्वयभर ली और उसे समाज के हर वर्ग
बाटो। इसमें किसी प्रकार की कती मत करी। जिन्हें आशा, विश्वास, सहायता, सहयोग और सात्वना की
आवश्यकता है, उन्हें बिना किसी स्वार्थ और द्वेष की भावना के इन्हें बाँट दी। अब तुम देखोग कि समाज के बीच
आशा और विश्वास में वृद्धि हो रही है।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि जीवन पथ के दो ऊंचे प्रकाश राम कौन-से है?
1 प्रतीक्षा और आशा 2 प्रयत्न और आशा
3 आशा और निराशा 4इनमे से कोई नहीं
(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि बीजी, परिस्थितिया तथा अपने आस-पास के व्यक्तियों को कही से नहीं
देखना चाहिए?
1अंधेरे हिस्सों की ओर से 2 उजले हिस्से की ओर से
3निराशा से
4इनमे से कोई नहीं
-.(ग) गद्यांश के अनुसार समाज के हर वर्ग में क्या बाँटने को कहा गया है?
1 विश्वास की
2 आस्था की
3(1) और (2) दोनों 4निराशा को
(घ) निराना और नकारात्मक दिखाई देने वाला जीवन का मार्ग साफ और गतिशील दिखाई देना कय आरभ हो
जाता है।
1 आशा से भरकर 2निराशा से भरकर
विश्वास से भरकर
4 इनमें से कोई नहीं
(ड) प्रस्तुत गद्याश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
1. प्रतीक्षा और आशा 2 स्वार्थ और देव
निराश और नकारात्मक
CD
4 सहायता और सहयोग
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(1) prtijha or aasha (2)nirasha se (3) vishvash or aastha (4) aasha se bhr kr (5) prtijha or aasha
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