Based Questions ये वाक्य किसने किससे कहे और क्यों कहे- (क) “दिखलाओ जी! तुम तो अच्छे आए, मला कुछ मन तो बहले!” (ख) “मुझे शरबत पिलाने के बजाय आपने मेरा खेल देखकर कुछ पैसे दे दिए होते तो मुझे अधिक प्रसन्नता होतो (ग) “माँ ने कहा कि आज जल्दी चले आना, मेरी घड़ी समीप है।"
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Based Questions ये वाक्य किसने किससे कहे और क्यों कहे- (क) “दिखलाओ जी! तुम तो अच्छे आए, मला कुछ मन तो बहले!” (ख) “मुझे शरबत पिलाने के बजाय आपने मेरा खेल देखकर कुछ पैसे दे दिए होते तो मुझे अधिक प्रसन्नता होतो (ग) “माँ ने कहा कि आज जल्दी चले आना, मेरी घड़ी समीप है।"
Based Questions ये वाक्य किसने किससे कहे और क्यों कहे- (क) “दिखलाओ जी! तुम तो अच्छे आए, मला कुछ मन तो बहले!” (ख) “मुझे शरबत पिलाने के बजाय आपने मेरा खेल देखकर कुछ पैसे दे दिए होते तो मुझे अधिक प्रसन्नता होतो (ग) “माँ ने कहा कि आज जल्दी चले आना, मेरी घड़ी समीप है।"
Answer:
क -श्रीमतीजी ने कहा, "दिखलाओ जी, तुम तो अच्छे आए। भला, कुछ मन तो बहले।" मैं चुप हो गया, क्योंकि श्रीमतीजी की वाणी में वह माँ की-सी मिठास थी, जिसके सामने किसी भी लड़के को रोका नहीं जा सकता। उसने खेल आरम्भ किया। उस दिन कार्निवल के सब खिलौने उसके खेल में अपना अभिनय करने लगे।
ख- मुझे शरबत न पिलाकर आपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया होता, तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती।” मैं आश्चर्य से उस तेरह-चौदह वर्ष के लड़के को देखने लगा। प्रसंग – यह गद्यांश 'छोटा जादूगर' पाठ से लिया गया है। इसके लेखक जयशंकर प्रसाद हैं। ... व्याख्या – छोटा जादूगर ने लेखक की बात सुनी, तो उसके मुख पर उपेक्षा की हँसी फैल गई।
ग-माँ ने कहा था कि आज तुरन्त चले आना। मेरी घड़ी समीप है।" अविचल भाव से उसने कहा।
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