Hindi, asked by ushajain18, 9 months ago

basketball ke bare mein anuched lekhan Hindi mein​

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Answered by xyz563
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Basketball mai 7 Jun rahata hai

Answered by ajtheracerarya
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Answer:

hi

Explanation:

दिल्ली में प्रदूषण के कारण

शहर की बढ़ती जनसंख्या, आबादी का दबाव और अव्यवस्थित विकास पर्यावरण को दूषित कर रहा है।

उद्योगों और कारखानों का उचित तकनीक और सही जगह विकास नहीं किया गया है। अध्ययनो से पता चला है कि औयगिक इकाइयों में से सिर्फ 20% औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित की गई हैं, जबकि बाकी सभी औद्योगिक इकाइयाँ आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में स्थापित हैं।

मेट्रो और रेलवे के बावजूद भी वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, फलस्वरूप यातायात की भीड़ बढ़ने के साथ हवा और ध्वनि प्रदूषण में भी बढ़ोत्तरी हुई है। यह भी बताया गया है कि, दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरीय शहरों की तुलना में सबसे अधिक है।

सड़कों पर चलने वाले डीजल वाहनों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है, जो वायु प्रदूषण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।

राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा यह सूचित किया गया है कि हर रोज दिल्ली में करीब 8,000 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न हो रहा है। इसके अलावा यहाँ पर औद्योगिक खतरनाक और गैर-खतरनाक अपशिष्ट भी हैं। हर रोज औसतन, एमसीडी और एनडीएमसी 5,000 से 5,500 मीट्रिक टन कचरा साफ करने का प्रबंधन करती है। जिसके कारण शहर में अधिक से अधिक कचरा जमा हो जाता है।

शहर में ठोस, तरल, अपशिष्ट जल, औद्योगिक और अस्पताल के अपशिष्ट पदार्थों को व्यवस्थित करने की कोई उचित तकनीक या तरीका नहीं है।

कोयला आधारित बिजली संयंत्रों, इमारतों में ऊर्जा का अनुचित उपयोग और खाना पकाने और गर्म करने के लिए बायोमास का अत्यधिक उपयोग होने से जीवाश्म ईंधन पर बहुत अधिक निर्भरता बढ़ रही है।

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