batao kamdev Ko kaise naya sharir mila tha
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uska sarir gayab Ho gya tha or uske kai deeno baad use ek bache ke rup me janam mila vo shri krishna ka beta bankar darti par aaya isi prakar uska naya sarir Mila
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होली एक तरफ जहां प्रह्लाद के धर्म की विजय का त्योहार है वहीं इसके कुछ और पहलू भी हैं। यह संसार में कामभाव को जीवित रखने का भी त्योहार है। काम के फिर से जीवित होने की खुशी में लोग रंगोत्सव मानाते हैं।
सृष्टि के संचालन के लिए धर्म जितना आवश्यक है काम भाव भी उसी तरह जरूरी है। इसलिए चार पुरुषार्थों में एक ‘काम’ भी है। इसका रहस्य होली के त्योहार में छुपा है। सृष्टि के विकास के लिए कामदेव का जन्म हुआ था लेकिन भगवान शिव ने उन्हें जलाकर भस्म कर दिया। इससे संसार में काम का अंत होने का भय उत्पन्न हो गया। देवता चिंतित हो गए कि काम के अंत हो जाने से सृष्टि के विकास का चक्र रुक जाएगा।
कामदेव की पत्नी रति और देवताओं ने मिलकर भगवान शिव को मनाया तो शिवजी ने कामदेव को कृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। इस बीच कामदेव बिना शरीर जीवित रहेंगे भगवान शिव ने यह भी कहा। इसके बाद कामदेव अंग रहित होने के कारण अनंग कहलाए।होली से 8 दिन पहले लगने वाले होलाष्टक के बारे में मान्यता है कि इसी दिन कामदेव शिव की तीसरी आंख खुलने से भस्म हो गए थे। होली के दिन भगवान शिव ने कामदेव के फिर से जीवित होने का वरदान दिया था। इसलिए रंगोत्सव और आनंद मनाया गया।
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