बबना ववचार, घटना और पात्रों के भी क्र्ा कहानी ललखी जा सकिी है। र्शपाल के इस
ववचार से आप कहाँ िक सहमि हैं?
Answers
Answered by
2
Answer:
अपने इस विचार के द्वारा यशपाल ने नई कहानी के दौर के लेखकों पर व्यंग किया है।
बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है, यह बात तो सत्य है परन्तु उस कहानी में वह प्रभाव नहीं होगा, जो घटनाओं और पात्रों पर आधारित विचारपूर्ण कहानियों में होता है। उस कहानी का पाठक वैसा ही महसूस करेगा जैसे खीरे को खाए बिना उसे सूँघकर ही छोड़ दिया जाए। इस प्रकार उस कहानी में कल्पना तत्व की ही प्रधानता रहेगी, उसमे यथार्थ का पट नहीं होगा। कोई घटना या कथावस्तु कहानी में वास्तविकता प्रदान करने के साथ-साथ उसे आगे भी बढ़ाता है। इसीलिए यह दोनों एक अच्छे कहानी के लिए आवश्यक होता है।
Similar questions
India Languages,
2 months ago
Physics,
2 months ago
World Languages,
2 months ago
India Languages,
5 months ago
English,
10 months ago
Political Science,
10 months ago