Hindi, asked by farisakhan6738, 10 months ago

“बबरह भुवंगाम तन बसै” इस वाक्य में 'भुवंगम' का अथम क्या है?​

Answers

Answered by akashkumar02042001
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Explanation:

कबीर दास जी कहते हैं, जब मनुष्य अपने किसी अपने से बिछड़ जाता है तो बिछड़ने के दुख में निरंतर दुखी रहता है, वेदना से पीड़ित रहता है। उसी तरह भक्त और ईश्वर के बीच का संबंध है। सच्चा भक्त भी अपने ईश्वर से दूर नहीं रह सकता। प्रभु के वियोग में वो जीवित नहीं रह सकता और यदि जीवित रह भी जाए तो वह पागल हो सकता है। विरह-वेदना रूपी नाग उसे निरंतर डसता रहता है। इस वेदना को यदि कोई समझ सकता है तो स्वयं प्रभु ही समझ सकते है

साखी से तात्पर्य साक्षी से है, जो संस्कृत का तद्भव रूप बनकर हिंदी में साखी बन गया। साक्षी साक्ष्य का विशेषण जिसा अर्थ है, प्रत्यक्ष ज्ञान। इस प्रकार साखी जीवन के प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा प्राप्त प्रत्यक्ष ज्ञान हैं

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