बच्चे भी परिस्थितियों के अनुसार आत्मा निर्भर हो जाते हैं इस विषय पर अनुच्छेद लिखें
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बच्चे भी परिस्थितियों के अनुसार आत्मा निर्भर हो जाते हैं इस विषय पर अनुच्छेद लिखें
बच्चों को किसी भी काम को लेकर धैर्य रखना सिखाना जरूरी है। कई बार किसी काम या खेल-कूद में असफलता के कारण बच्चे जल्दी निराश और दुखी हो जाते हैं। बच्चों में धैर्य पैदा करना जरूरी है, क्योंकि इससे उनके अंदर आत्मा-निर्भरता बढ़ेगी और वो हर काम को पूरे जोश के साथ करेंगे।
बच्चों को किसी भी काम को लेकर धैर्य रखना सिखाना जरूरी है। कई बार किसी काम या खेल-कूद में असफलता के कारण बच्चे जल्दी निराश और दुखी हो जाते हैं। बच्चों में धैर्य पैदा करना जरूरी है, क्योंकि इससे उनके अंदर आत्मा-निर्भरता बढ़ेगी और वो हर काम को पूरे जोश के साथ करेंगे।2. अपना काम स्वयं करने दें
बच्चों को किसी भी काम को लेकर धैर्य रखना सिखाना जरूरी है। कई बार किसी काम या खेल-कूद में असफलता के कारण बच्चे जल्दी निराश और दुखी हो जाते हैं। बच्चों में धैर्य पैदा करना जरूरी है, क्योंकि इससे उनके अंदर आत्मा-निर्भरता बढ़ेगी और वो हर काम को पूरे जोश के साथ करेंगे।2. अपना काम स्वयं करने देंबच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके कुछ काम उन्हें खुद ही करने दें। हां, लेकिन आप उनके काम पर नजर जरूर रखें। जैसे स्कूल का होम वर्क, घर में अपने जूते-चप्पल को सही स्थान पर रखना, स्वयं भोजन करना आदि। इन क्रियाओं से उनके अंदर आत्म-निर्भरता बढ़ेगी और अनुशासन भी आएगा।
बच्चों को किसी भी काम को लेकर धैर्य रखना सिखाना जरूरी है। कई बार किसी काम या खेल-कूद में असफलता के कारण बच्चे जल्दी निराश और दुखी हो जाते हैं। बच्चों में धैर्य पैदा करना जरूरी है, क्योंकि इससे उनके अंदर आत्मा-निर्भरता बढ़ेगी और वो हर काम को पूरे जोश के साथ करेंगे।2. अपना काम स्वयं करने देंबच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके कुछ काम उन्हें खुद ही करने दें। हां, लेकिन आप उनके काम पर नजर जरूर रखें। जैसे स्कूल का होम वर्क, घर में अपने जूते-चप्पल को सही स्थान पर रखना, स्वयं भोजन करना आदि। इन क्रियाओं से उनके अंदर आत्म-निर्भरता बढ़ेगी और अनुशासन भी आएगा।3. फैसले लेने की आजादी
बच्चों को खुद के फैसले लेना सिखाएं। उनके अच्छे चुनाव के लिए प्रशंसा करें। इन चुनाव में उन्हें क्या खाना है, क्या पढ़ना है, कौन से खिलौने से खेलना है आदि शामिल हो सकते हैं। ऐसा करने पर बच्चों के अंदर आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा।
बच्चों को खुद के फैसले लेना सिखाएं। उनके अच्छे चुनाव के लिए प्रशंसा करें। इन चुनाव में उन्हें क्या खाना है, क्या पढ़ना है, कौन से खिलौने से खेलना है आदि शामिल हो सकते हैं। ऐसा करने पर बच्चों के अंदर आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा।4. घर के काम में अपने साथ शामिल करें
बच्चों को खुद के फैसले लेना सिखाएं। उनके अच्छे चुनाव के लिए प्रशंसा करें। इन चुनाव में उन्हें क्या खाना है, क्या पढ़ना है, कौन से खिलौने से खेलना है आदि शामिल हो सकते हैं। ऐसा करने पर बच्चों के अंदर आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा।4. घर के काम में अपने साथ शामिल करेंघर के छोटे-छोटे कामों में बच्चों को शामिल करने की कोशिश करें। ऐसा करने पर बच्चे और माता-पिता के बीच हमेशा संबंध अच्छे बने रहेंगे। इन कामों में घर की सफाई, खाना बनाते समय मदद, कोई टेक्नोलॉजी से संबंधित काम आदि हो सकते हैं। ध्यान रहे कि इस दौरान बच्चे पूरी नजर रखें और कोई कठीन काम उनसे न करवाएं।
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