बच्चे ईश्वर को अपने ध्यान में क्यों लाना चाहते हैं? class 7
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bacche Ishwar ko Apne Dhyan Mein isliye Lagana Chahte Hain Kyunki vah month Nishant karna chahte hain aur vah Shradha Bhav se Rahana Chahte Hain
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Explanation:
के जन्म के शुरू के 60 मिनट काफी अहम होते हैं। इस दौरान ज़रूरी होता है कि माँ उसे सीने से लगाए रखे, ताकि उसे बच्चे से गहरा लगाव हो जाए। यह बच्चे के विकास के लिए बेहद ज़रूरी होता है। *
के जन्म के शुरू के 60 मिनट काफी अहम होते हैं। इस दौरान ज़रूरी होता है कि माँ उसे सीने से लगाए रखे, ताकि उसे बच्चे से गहरा लगाव हो जाए। यह बच्चे के विकास के लिए बेहद ज़रूरी होता है। *आखिर क्यों एक माँ अपने दूधपीते बच्चे की इतने प्यार से देखभाल करती है? प्रोफेसर जनेट क्रेनशॉ ने प्रसवकालीन शिक्षा नाम की एक अँग्रेज़ी पत्रिका में बताया कि बच्चे को जन्म देने के बाद माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम के हार्मोन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इसलिए जब वह बच्चे को छूती है, उसे निहारती है और अपना दूध पिलाती है, तो उसमें ममता जाग उठती है। इसी दौरान माँ के शरीर में एक और तरह का हार्मोन बनता है, जिस वजह से वह बच्चे की हर ज़रूरत फौरन पूरी करती है और खुशी से उसकी देखभाल करती है। यह सब क्यों गौर करने लायक है?
के जन्म के शुरू के 60 मिनट काफी अहम होते हैं। इस दौरान ज़रूरी होता है कि माँ उसे सीने से लगाए रखे, ताकि उसे बच्चे से गहरा लगाव हो जाए। यह बच्चे के विकास के लिए बेहद ज़रूरी होता है। *आखिर क्यों एक माँ अपने दूधपीते बच्चे की इतने प्यार से देखभाल करती है? प्रोफेसर जनेट क्रेनशॉ ने प्रसवकालीन शिक्षा नाम की एक अँग्रेज़ी पत्रिका में बताया कि बच्चे को जन्म देने के बाद माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम के हार्मोन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इसलिए जब वह बच्चे को छूती है, उसे निहारती है और अपना दूध पिलाती है, तो उसमें ममता जाग उठती है। इसी दौरान माँ के शरीर में एक और तरह का हार्मोन बनता है, जिस वजह से वह बच्चे की हर ज़रूरत फौरन पूरी करती है और खुशी से उसकी देखभाल करती है। यह सब क्यों गौर करने लायक है?माँ और बच्चे के बीच जो गहरा लगाव होता है, वह हमारे सृष्टिकर्ता ने ही पैदा किया है। उसका नाम यहोवा * है। पुराने ज़माने में दाविद नाम के एक राजा ने कहा कि यहोवा ने ही उसे “माँ की कोख से बाहर निकाला” और उसकी बाँहों में सुरक्षा का एहसास दिलाया। उसने परमेश्वर से कहा, “मुझे पैदा होते ही देखभाल के लिए तुझे सौंपा गया। जब मैं माँ की कोख में था, तभी से तू मेरा परमेश्वर है।”—भजन 22:9, 10.
के जन्म के शुरू के 60 मिनट काफी अहम होते हैं। इस दौरान ज़रूरी होता है कि माँ उसे सीने से लगाए रखे, ताकि उसे बच्चे से गहरा लगाव हो जाए। यह बच्चे के विकास के लिए बेहद ज़रूरी होता है। *आखिर क्यों एक माँ अपने दूधपीते बच्चे की इतने प्यार से देखभाल करती है? प्रोफेसर जनेट क्रेनशॉ ने प्रसवकालीन शिक्षा नाम की एक अँग्रेज़ी पत्रिका में बताया कि बच्चे को जन्म देने के बाद माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम के हार्मोन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इसलिए जब वह बच्चे को छूती है, उसे निहारती है और अपना दूध पिलाती है, तो उसमें ममता जाग उठती है। इसी दौरान माँ के शरीर में एक और तरह का हार्मोन बनता है, जिस वजह से वह बच्चे की हर ज़रूरत फौरन पूरी करती है और खुशी से उसकी देखभाल करती है। यह सब क्यों गौर करने लायक है?माँ और बच्चे के बीच जो गहरा लगाव होता है, वह हमारे सृष्टिकर्ता ने ही पैदा किया है। उसका नाम यहोवा * है। पुराने ज़माने में दाविद नाम के एक राजा ने कहा कि यहोवा ने ही उसे “माँ की कोख से बाहर निकाला” और उसकी बाँहों में सुरक्षा का एहसास दिलाया। उसने परमेश्वर से कहा, “मुझे पैदा होते ही देखभाल के लिए तुझे सौंपा गया। जब मैं माँ की कोख में था, तभी से तू मेरा परमेश्वर है।”—भजन 22:9, 10.ज़रा सोचिए: परमेश्वर ने ही माँ के अंदर ऐसी जटिल प्रक्रिया बनायी है, जिससे उसमें बच्चे के लिए भावनाएँ उमड़ आती हैं ताकि वह उस पर ध्यान दे और उसकी हर ज़रूरत पूरी करे। तो क्या परमेश्वर भी हममें से हरेक पर ध्यान नहीं देता होगा? आखिर हम भी तो “परमेश्वर के बच्चे” हैं!
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