बच्चों के अनुशासन और स्वभाव में परिवार की क्या भूमिका होती है
Answers
Answer:
यह महत्वपूर्ण है कि परिवार अपने बच्चों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें यदि वे चाहते हैं कि उनके बच्चे उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करें। अच्छे नागरिक उन घरों में पैदा किए जाते हैं जहाँ बच्चों के पास अपने स्वयं के परिवारों का सम्मान करने का अच्छा कारण होता है। बच्चों को उचित, सुसंगत अनुशासन के आधार पर, वास्तविक प्रेम के माहौल में सबसे अच्छा मिलता है।
Answer:
राहुल मेहता
रांची: दीपक अक्सर अपने शांत स्वभाव के कारण डांट सुनता था. कभी कभी कोई उसे गऊ तो कोई “घर घुसना” कह देता. व्यथित हो उसने अपना स्वभाव बदलने का प्रयास किया. पर आदत नहीं होने के करण कोई न कोई गलती हो जाती थी और वह उपहास का पात्र बन जाता. यह उसे और हतोत्साहित करता और उसके प्रयास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता.
क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे अपने स्वभाव में भिन्न होते हैं ? आपके बच्चे एक दूसरे जैसा या अलग कैसे हैं ? क्या स्वभाव बदला जा सकता है ? अगर हां तो किन मायनों में ?
बच्चों का स्वभाव
बच्चे जन्म से अलग होते हैं और उनका स्वभाव अलग होता है. स्वभाव से तात्पर्य उन विशिष्ट विचारों, भावनाओं और व्यवहारों से होता है जो हर बच्चे को अद्वितीय बनाते हैं. प्रत्येक बच्चे का चीजों को देखने और प्रतिक्रिया करने का अपना अलग और अनूठा तरीका होता है. प्रत्येक स्वभाव का सकारात्मक और चुनौतीपूर्ण पक्ष होता है जिनकी पहचान उचित परवरिश के लिए आवश्यक है. बच्चों के मूल स्वभाव पांच प्रकार के होते हैं:
बहुत सक्रिय
आवेगी
स्वतंत्र
शर्मीला
सपने देखने वाला
अभिभावकों की जिम्मेदारियां:
अभिभावकों को बच्चे के भिन्न स्वभाव को पहचानना और स्वीकारना चाहिए. उनकी प्रतिक्रिया तदनुरूप होनी चाहिए.
प्रत्येक बच्चे का एक मूल स्वभाव होता है. परन्तु यह हमेशा एक जैसा नहीं होता. यह समयानुसार बदलता रहता है. बच्चे कभी मित्रवत, खुश और दयालु हो सकते हैं तो कभी भिन्न भी.
कुछ स्वभाव जन्मजात होते है हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता. कुछ स्वभाव उम्र के साथ बदल जाते हैं.
स्वभाव के सकारात्मक पहलुओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. बच्चे के विकास के लिए तदनुरूप गतिविधियों का चयन करना चाहिए.
नकारात्मक पहलुओं को नियंत्रित या पुनः निर्देशित किया जाना चाहिए. (जैसे अति सक्रीय बच्चे को खेल या रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करना).
प्रत्येक बच्चे के अद्वितीय स्वभाव की समझ और स्वीकृति बच्चे की खुशी और विकास में सुधार करता है.
अगर अभिभावक को लगता है कि बच्चे के स्वभाव में परिवर्तन की जरुरत है तो पहले उसके भिन्न स्वभाव को स्वीकारें, उसकी भिन्नता का सम्मान करें और बदलाव का प्रयास बच्चे के सुविधानुसार व पसंद अनुसार क्रमशः करें.
नई स्थितियों में चिंतित या भयभीत हो जाते हैं. जाने वाले बच्चे के माता-पिता अति-सुरक्षात्मक होने से बच उन्हें नई स्थितियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करें.
निडर और बहुत अधिक जोखिम उठाने वाले बच्चे के माता-पिता दृढ़ और प्यार करने वाले बन बच्चों के लिए सीमाएं और विशेष गतिविधि निर्धारित कर सकते हैं.
आवेगी बच्चे के माता-पिता अच्छे व्यवहार की प्रशंसा (जब बच्चे अपने आवेगों को नियंत्रित करते हैं) और अनुशासन का पालन कर सकते हैं.