बच्चों के लिए सारी सुविधाओं व सेवाओं के बीच संयोजन जैसे देखभाल ,स्वास्थ्य ,पोषण, टीकाकरण और शिक्षा 1 प्रोग्रामेटिक (कार्य के अनुसार ) 2 मैनेजमेंट ( प्रबंधन) 3 लोकेशन (स्थानीय)
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परिचय
हमारे देश में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों तथा तथा गर्भवती महिलाओं को घातक रोगों की विरूद्ध टीके दिए जाते हैं| ये रोग हैं: तपेदिक (टी.बी) डिप्थीरिया, परटूसिस (काली खाँसी), टिटनेस, खसरा (मीजल्स) तथा पोलियो (पोलियोमाइटिस) अगर किसी बच्चे को सही समय पर इन सभी रोगों से रक्षा करने वाली वैक्सीन्स की पर्याप्त खुराकें देकर रोग प्रतिरक्षित कर दिया जाता है तो भविष्य में वह इन घातक/अपंग करने वाली बीमारियों से काफी हद तक बचा रहेगा बाद में ऐसे बच्चे को टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन के अतिरिक्त अन्य वैक्सीन्स की आवश्यकता नहीं पड़ेगी|
राष्ट्रीय टीकाकरण तालिका (भारत): गर्भवती महिलाओं के लिए
पहली बार गर्भधारण करने पर, हर स्त्री को टिटनेस टॉक्साइड (टी.टी) के 2 टीके लगवाने चाहिए| ये टीके गर्भावस्था में कभी भी लगवाए जा सकते हैं, हालाँकि समय से पहले हो जाने वाले प्रसव तथा गर्भपात को कवर करने के लिए इन्हें गर्भावस्था के शुरू में लगवाना अधिक लाभकारी होता है| तदापि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोनों टीकों के बीच 4-6 सप्ताह का अंतर अवश्य हो| अगर संभव हो तो दूसरा टीका प्रसव की अपेक्षित तिथि से 4 सप्ताह पूर्व लगवाना चाहिए| अगर स्त्री ने पहले गर्भ में टी.टी. के टीके लगवाए हैं और पहले गर्भ के 5 वर्ष के भीतर वह दूसरा गर्भधारण कर लेती है तो दूसरे गर्भ टी.टी. का केवल एक टीका काफी है| वह टीका प्रसव की अपेक्षित तिथि से 4-6 सप्ताह पूर्व लगवाना चाहिए|
अगर पहले व दूसरे गर्भ के बीच 5 वर्ष अधिक का अंतर है तो दूसरे गर्भ में – पहले गर्भ की भांति 2 टीके लगवाने चाहिए| अगर पहले गर्भ में लगाए गए टीकों का सही रिकार्ड उपलब्ध नहीं है तो यही बेहतर होगा की दूसरे गर्भ में भी 2 टीके लगवाए जायें चाहे वह गर्भ, पहले गर्भ के 5 वर्ष के समय के भीतर ही क्यों न हुआ हो| ये नियम बाद के गर्भधारण पर भी लागू होते हैं| तदापि, बेहतर तो यही है कि 2 से अधिक बच्चे पैदा नहीं किए जायें|
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2.मैनेजमेंट (प्रबंधन)