बच्चे काम पर जा रहे हैं कविता को ध्यान में रखते हुए स्वरचित एक लघु कथा लिखिए
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देखकर कवि को पीड़ा हुई है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता के आलोक में लिखिए।
उत्तर: बच्चों को कड़ी सरदी में सवेरे-सवेरे कोहरे से ढंकी सड़क पर जाते हुए देखकर हुआ। ये बच्चे कारखानों और अन्य स्थानों पर बाल मजदूरी (Child Labour) करने जा रहे थे। खेलने-कूदने की उम्र में बच्चों को काम पर जाते देख कवि को पीड़ा हुई।
प्रश्न: कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय क्यों बन गया है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर: कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। जिस उम्र में बच्चों को खेल-कूदकर बचपन का आनंद लेना चाहिए, स्वस्थ और सबल बनना चाहिए तथा पद-लिखकर योग्य नागरिक बनना चाहिए, उस उम्र में काम करके अपना भविष्य अंधकारमय कर रहे हैं।
प्रश्न: बालश्रम अपराध है फिर भी बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। इसके क्या कारण हो सकते हैं, लिखिए।
उत्तर: बालश्रम अपराध है फिर भी हम बच्चों को काम करते हुए देखते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें सबसे पहला कारण गरीबी है। बच्चों की मूलभूत ज़रूरतें पूरी न करने पर माँ-बाप उन्हें काम पर भेजने को विवश हो जाते हैं। इसके अलावा लोगों की स्वार्थी प्रवृत्ति तथा संवेदनहीनता के कारण बच्चे काम करते हुए देखे जा सकते हैं।
प्रश्न: ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ – कविता में काले पहाड़ किसके प्रतीक हैं? ये काले पहाड़ किस तरह हानिप्रद हैं?
उत्तर: ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में काले पहाड़ समाज में व्याप्त शोषण व्यवस्था के प्रतीक हैं। इसी व्यवस्था के कारण समाज का एक वर्ग बच्चों का शोषण करता है, उनसे काम करवाकर उनका भविष्य खराब करता है और बहुत कम मजदूरी देकर अपनी जेब भरता है।
प्रश्न: बच्चों को काम पर जाता देखकर आपके मन में जो विचार आते हैं उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: बच्चों को काम पर जाता देखकर हमारे मन में यह विचार आता है कि इस उम्र में बच्चों को काम करने के बजाय पढ़ने लिखने और खेलने-कूदने का अवसर मिलना चाहिए ताकि ये मज़दूर न बनकर योग्य नागरिक बने तथा समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान दें।
प्रश्न: बालश्रम की समस्या बढ़ाने में समाज की संवेदनहीनता का भी योगदान है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: बालश्रम की समस्या पर रोक लगाने पर भी यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसका कारण है कि समाज के लोग बच्चों को काम पर जाता हुआ देखकर भी अनदेखा करते हैं और बच्चों के भविष्य के प्रति उदासीन दृष्टिकोण बनाए रखते हैं। इस संवेदनहीनता के कारण यह समस्या बढ़ती ही जा रही है।