Hindi, asked by badugubangaramboctor, 2 months ago

बच्चों की मुसकान लिये
हर फूल जहं खिलवा है।
धर्म से बढ़कर
जिसके आँचल में हर कोई दुख मूलाकर सोता है​

Answers

Answered by asajaysingh12890
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Answer:

इस कविता में कवि एक ऐसे बच्चे की सुंदरता का बखान करता है जिसके अभी एक-दो दाँत ही निकले हैं; अर्थात बच्चा छ: से आठ महीने का है। जब ऐसा बच्चा अपनी मुसकान बिखेरता है तो इससे मुर्दे में भी जान आ जाती है। बच्चे के गाल धू‌ल से सने हुए ऐसे लग रहे हैं जैसे तालाब को छोड़कर कमल का फूल उस झोंपड़ी में खिल गया हो। कवि को लगता है कि बच्चे के स्पर्श को पाकर ही सख्त पत्थर भी पिघलकर पानी बन गया है।

Explanation:

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