CBSE BOARD X, asked by gungun9599508614, 13 days ago

बच्चे के पहले वर्ष में सामाजिक भावनात्मक विकास के दो संकेत बताएँ।​

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Answered by unadpotrasufiya
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Explanation:

परिचय

बाल्यावस्था जीवनकालिक विकास की महत्वपूर्ण अवस्था है| इस अवस्था को दो भागों में विभाजित किया गया है- पूर्व बाल्यावस्था एवं उत्तर बाल्यावस्था आरंभिक २ से 6 वर्ष की आयु पूर्व बाल्यावस्था कहलाती है जिसमें बच्चे की आत्मनिर्भरता में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है| यह अवधि पाठशाला में प्रवेश की होती है| इसलिए इसे ‘स्कूल पूर्व आयु’ भी कहा जाता है और ‘टोली पूर्व आयु’ भी कहा जाता है| इस अवधि में बालक सामाजिक व्यवहारों के आधारभूत तत्वों को सीखना आरंभ करता है| उत्तर बाल्यावस्था का आरंभ 6 वर्ष की आयु से होता है तथा वय:संधि के प्रारंभ अर्थात् 12 वर्ष तक चलता रहता है| बालक स्कूल में प्रवेश पा चूका रहता है| इस अवस्था को ‘टोली की अवस्था’ भी कहा जाता है| इसे ‘प्रारम्भिक स्कूल अवस्था’ भी कहा जाता ही| अतः जीवन के अनेक पक्षों के विकास की दृष्टि से यह आयु अत्यंत महत्व रखती है| प्रस्तुत अध्याय के अंतर्गत बाल्यावस्था में होने वाले सामाजिक, सांवेगिक एवं व्यक्तित्व विकास संरूपों का क्रमशः वर्णन किया गया है|

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