Hindi, asked by kewatd673, 6 months ago

बच्चे प्रत्याशा में होंगे नीग्रो से झांक रहे होंगे यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है दिन जल्दी-जल्दी ढलता है उपयुक्त पंक्तियों में नहीं तो भाव सौंदर्य एवं शिल्प सौंदर्य को लिखिए बच्चे प्रत्याशा में होंगे निर्णयों से झांक रहे होंगे यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है दिन जल्दी-जल्दी ढलता है उपयुक्त पंक्तियों में निहित भाव सौंदर्य एवं शिल्प सौंदर्य को लिखिए ​

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Answered by mohammedehtesham203
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Answered by heerasoni91
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प्रसंग: प्रस्तुत पक्तियाँ हरिवंशराय ‘बच्चन’ द्वारा रचित कविता ‘एक गीत’ से अवतरित हैं। यह कवित? उनके काव्य सग्रह ‘निशा निमत्रंण’ में सकलित है। इस कविता में कवि उन पक्षियों के विषय में बताता है जो प्रातःकाल होते ही अपने छोटे बच्चो को घोसलों में छोड्कर दाना-पानी जुटाने की फिक्र मैं वन- प्रदेश में घूमते फिरते हैं पर संध्याकाल होते ही वे अपने अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं।

व्याख्या: कवि प्रकृति में देखता है कि पक्षीवृंद घोंसलों से झाँकते प्रतीक्षारत अपने शावकों तक जल्दी से जल्दी पहुँच जाना चाहते हैं। इसके लिए वे अपने पंखों में ताजगी और स्फूर्त उड़ान का अनुभव कर दिन ढलने से पहले ही वापस पहुँच जाने का उपक्रम करने लगते हैं। संध्या होते ही अंधकार बढ़ने लगता है और पक्षी समझ जाते हैं कि अपने-अपने घोंसलों में लौटने का समय आ पहुँचा है। वे जानते हैं कि उनके नन्हें बच्चे दिन भर के भूखे-प्यासे होंगे और बड़ी उत्सुकता से उनके लौटने की प्रतीक्षा कर रहे होंगे। बच्चों के प्रति इसी ममता और चिंता के कारण ही ये पक्षी जल्दी ही अपने घोंसलों में पहुँच जाना चाहते हैं। यही भावना उन्हें स्फूर्ति और शक्ति देती है और पूरे उत्साह के साथ अपने- अपने घोंसलों की ओर उड़ने लगते हैं।

विशेष: 1. पक्षियों के मातृत्व- भाव और उनकी व्याकुलता का मार्मिक चित्रण किया गया है।

2. दृश्य और गति बिंब सार्थक बन पड़ा है।

3. ‘जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

4. भाषा सरल एवं भावानुकूल है।

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