बच्चन जी के गीत में दिन ढलते समय पथिकौ और पशियौ की गति
में तीव्रता और कवि की गति में शिथिलता के धारण लिखिए।
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Answer:
उसे भय है कि कहीं जीवन-पथ में ही काल-रात्रि न आ जाए। अत: दिन भर का थका-माँदा पथिक रात के अंधकार के आने से पहले ही अपनी मंजिल पर पहुँच जाना चाहता है। कवि देखता है कि पक्षियों को भी संध्या के समय अपने-अपने घोंसलों में पहुँचने की जल्दी है। उसे घोंसलों में प्रतीक्षारत अपने शावकों के पास पहुँचने की आतुरता है।
Answer:
"आत्म परिचय" कविता के लेखक हरिवंश राय बच्चन हैं। ऊपर की पंक्तियों में कवि दावा करता है कि मैं अपने अस्तित्व को जीने के लिए इस संसार की दुनियादारी को पूरी तरह अपना लेता हूँ। मैं एक ऐसा जीवन जीना जारी रखता हूं जो प्यार से भरा हो और अपने दायित्वों को पूरी तरह से पूरा करते हुए इस दुनिया के लोगों के बीच प्यार फैलाना जारी रखूं। इसका मतलब है कि मैंने सबसे गहरे प्यार का अनुभव किया है। मैं भी एक प्यार भरा जीवन जीने की कोशिश करता हूं।
Explanation:
आत्म-परिचय (1937)
उन्हें चिंता है कि कहीं काल-रात्रि जीवन के क्रम का पालन न कर ले। थका हुआ यात्री रात होने से पहले अपने गंतव्य पर पहुंचना चाहता है क्योंकि वह पूरे दिन सड़क पर रहा है। कवि के अनुसार, यहाँ तक कि पक्षी भी संध्या के समय अपने घोंसलों में जाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वह अपने पिल्लों तक पहुंचने के लिए इंतजार नहीं कर सकती जो घोंसले में हैं।
श्री हरिवंशराय "बच्चन" अपने जीवन के एकाकीपन के साथ अपने क्रोध को "एक गीत" नामक गीत में अभिव्यक्त करते हैं। यहां तक कि एक यात्री जो एक दिन की यात्रा से थक जाता है, वह अधिक तेज़ी से आगे बढ़ना शुरू कर देता है क्योंकि उनका मानना है कि उनका लक्ष्य दूर नहीं है। केवल यह ज्ञान कि उसका परिवार घर पर उसकी प्रतीक्षा कर रहा होगा, उसके पैरों की थकान को कम करने में मदद करता है। यह सोच कर उसके पैर और भी तेज चल रहे हैं। पक्षी भी एक दिन उड़ने के बाद थक जाते हैं, लेकिन जब वे सोचते हैं कि उनके बच्चे घोंसले में उनका इंतजार कर रहे होंगे और बाहर झांक रहे होंगे, तो उनके पंख और तेजी से फैलने लगते हैं। हालाँकि, एक कवि का अस्तित्व अकेला है।अब उनका इंतजार करने वाला कोई नहीं है कि उनकी पत्नी का निधन हो गया है। आज कौन उसके लिए घर बैठे तड़पेगा? इस निराशा के परिणामस्वरूप कवि का सिर आक्रोश से भर जाता है, उसकी गति धीमी हो जाती है। कवि ने इस कविता के माध्यम से अपने जीवन में अकेलेपन की पीड़ा को व्यक्त किया है।
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